Book Title: Siriwal Chariu
Author(s): Narsendev, Devendra Kumar Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith
View full book text
________________
१००
सिरिवालचरिउ
[स] समपाहि २०११ समप्पहि ११३ सम्मपहि १।११ संघट्टहि ११४५ संचालिहि ११४५ सलहहि ११२०,४६ सरसहि ११२० सहारहि ११४३ सइच्छइ २१ संहतई १११८ सल्लावइ ११३८ समंदइ ११२३ संकरइ ११२१ सामीसिमि १११७ संघाणई २।२४, ११२७ सलहंति २।२५ समाणइं ११२६ सहारहो १२२ सलवलियई २०१३ सम्माणिज्जइ २।३३ संचहि १।११ सरंति ११९ सट्टहि १।१०,३६ संकहि ११४६ सरेहि ११३८ संपुण्णी ११३७ संवरि ११३७ समरि ११२८, २।१९,२१,२२,
२।२३, २४ सज्जहि २०२१ सहंति ११२६
सरंति श२६ सम्माहि ११७ सवंति २।२२ सरेइ ११९ सहइ १११३ समइ १७ सक्कइ ११३० संघइ १६४६ संसारहो २१३५ संतु १।३९, १११७ संति ११,१११ सुणि ११२०,२६, २।५,२२,२६ सुणे २।२८ सुमरी २०१८ सुणेइ १२१ सुच्छइ २।१ सुसारहि २।३५ सुतारहि २०१२ सुणिज्जइ २०१६ सुमरंतु ११४० सुणावइ ११४६ सोहहि १।३३, १।३६, १॥३,
१५ सोहिउ ११३४ सोवत ११४१ सोवणु २०२० सोहइ १२४६, १११२, १४१५ सोइंति ११५ सिकवमि ११३३
हइ ११ हय १११,१११०, २।२ हव २०१४, २।२५ हउ १११७,१७,४०,४२, २।१ हरु ११४०, ११४४ हवेइ २०३३ हवंति ११४१ हवेसहि २०३६ हरिसहि २।२४ हणुवहो २१२३ हक्कारह १२८ हक्कदिति ११२७ हल्लोलिय ११४५ हरेसिय १११२ हकरावहु १११२ हारी २।३४ हारि १।११ हारीय २०१७ हावकदिंतु १।२८ हिंडइ ११२१ होइ ११४,९,९,४०, ११४३,४४
४१,४१, ११४१, ३२,
२।६,१६ होहि ११२४,२९, १।१५,१७ होतु १।१५ होति १०१५ होसमि २।१९ होसइ ११३७,४३, २।१२,१४ होसहि ११३७ होतइ २१७ होतउ २।१, २०१४
[ह]
हण ११३७
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184