Book Title: Siriwal Chariu
Author(s): Narsendev, Devendra Kumar Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

View full book text
Previous | Next

Page 165
________________ १०२ सिरिवालचरिउ खंचिय २०१८ खलिय २०१२ खदु २०१२ खाइय ११५ खुहियउ ११५ गउ १।२५,३३,३४,४६ ११४२, २।१८,६, २।५,९,१०,७, जणिय जडिय १४ जण २१४ जइउ १३३ जवियउ ११३४ जडियउ २।२४,३० जायउ २।४,५,२७ जाणिउ १११६,२५,३९ जाणिय ११,७,३५, २१३४ जाइयउं २०१३ जाइयउ २।१२ जइयउ २।३३ जाणियउ २।३५ जिणिय ११५,३७, २०१५ जित्तिय २।९, २०१० जियउ २१८ जुहारिउ २११४ [घ] चित्त १११५ घडियउ १२३४, २।२४ घडिउ १३४,३४ घडउ २६ घालिउ १११९ घालिय २।२४ पल्लिउ २।२९ घल्लिय १२२९ घाहिय २२२२ [व] द१ ११११ दसिउ १२६ दावियउ १११५ दिट्ठउ २।२६, ११४७ दिट्ठ १११०,३४,३६, २०१, २।६, २१८, २०३० दिट्टिय १२४३ दिण्णिय ११४३, २।२७ दोणी १११४ दिण्णाई २।२८,३० दित्ता २।२४ दित्त २।२९ दिण २।३२ दिणे २।३२ दिण्णे ११६ दिठ्ठ २।११,१२ दिण्णु ११८,१५,१५, ११३०,३७, २।१२,१६,१९ दिण्ण ११२५,२५,३७,४३, ११६,१४,३६, २।५,१०, २१ दिठु १।१७ दिण्णउं ११०,१३,१५,१५ ११२०,२९,३४, २।३१ दिण्णउ १११२,३४, २।७,११ [झ] [च] झाड़िय २१, २०१३ झावहु २।१४ झाइय २।१, ११ चालिउ २।१० चिंताविउ २०१२ चिंतावियउ २।१२ [छ] छित्तु २।३० छत्त ११५ छत्तु १।११,१४,३० छरिय २०१५ छंडिय ११४४ छत्तउ १११० छाइयाइं २।२२ छुत्तउ ११३४ छुइयइ १३३ [अ] जडिउ ११३०,३४ जंपिउ ११२० [2] दृवियउ १।३६ [6] ठोइय १।२९ [ण] पट्ठि १।१४,१५ णविउ २१३० णंदिय २१२७ णंदिउ ।२२ णंदउ २९ णच्चिउ २।५ णडिउ १२ णियाउ २१९ [2] थई १११३ [] धरिउ १२८, २।९ धरियउ १।२४,४६ धाइय १।२७,२८, २१२,२१ धारउ २॥३१,३४ धावउ ११२५ [प] पडियउ ११४५, २६४ परियाणिउ ११३९ परिदृविमउ ११३६ पयासिउ ११३७, २।३३ पावियउ २।३४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184