Book Title: Siriwal Chariu
Author(s): Narsendev, Devendra Kumar Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 167
________________ १०४ सिरिवाल वरिउ वंचिउ २०१२ वोलिउ २१७,१४,२७ संधिउ २०१२ सारिउ २०१६,१८ सालहिय ११५ साहिउ ११२०, २०२५ साधिउ १६४५ साहिय ११ सिंगारय १।१४ सिठ्ठ २।११ सिट्ठउ ११३७ सिद्धउ.२१६,९ सिक्खावय १६१७ सिक्खाणिउ २०२८ सुज्झिउ १६ सुत्तउ १२५ सुक्कई ११३८ सेवमाणु २०१९ सेव कराविय २०१३ विणिदिउ २०१५ विवाहिय २०१३ विसज्जिउ २०१७ विण्णविउ २।१२, १२४३ विह २।३२ विहाइय २०१२ विसूरिय २।१४ विरत्तय २२२९ विल्लई ११३८ विग्गुच्चिम २०१९ विहाउ ११६ विक्खायउ २।२७ विभयउ २।२८ विछायउ २।२९ विवीहिय १२५ विरमउ ११३५ विधायउ ११४२,४३ विहायउ ११४३ विद्धणउ १२० विचारिय १।२१ विसूरियउ १३१२ विल-वियउ ११८ विज्झउ १७ वित्तउ १२१ विण्णिमिउ १३६ विणिगाय २ विभियउ २१२ विराइउ २३६ विहिउ १११४ विहिय १११ विट्ठउ ११२ वीतउ ११४३ वुत्तु ११४२ वुल्लिय १४५ वुत्तउ २११ वुल्लाविउ २०१७ [स] समप्पिय १२५, २०१७ संतोसिउ १११९,४७, २।९ सहारिउ ११२४ संभरिउ १११२ समुट्टिउ ११५ समुद्धिय ११४३,१ ससासिय १।२२ सम्माणिय १२९ संपत्तउ २।१२,१३ समायउ २०१७ सम्माणिउ २०१७ सहियउ २०१२ सज्जियउ २०१४ संसकिउ २।२४ संवोहिउ २०१७ सण्णद्धउ १२७ संचारिय १२७ समाइय २३५ संचाइउ २१९ संसिद्धउ ११४७ संजइयउ २०३६ सरसियाउ २।२१ संपाइयउ ११३५ संजायउ ।२६ सण्णद्धउ ११२७ समुद्धरिया १११३ समण्णियाउ २।९ समाणियउ २०१० समाणिय २।३५ सयप्पिउ २०३६ संजायउ २।३६ संचालियउ २०१० [ ] हव १११९,४१, २।१३,३५,३५ हुई ११३७, २०२८ सा. भू. कृ. जुत्तउ ११८,२०,२१, २१४,९, २४, ३५ भग्गउ ११३४ भमिउ ११९ भणियउं १९ कृ. विशेषण पेखतहं २।११,१२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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