Book Title: Siriwal Chariu
Author(s): Narsendev, Devendra Kumar Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 160
________________ शब्दावली २१ ढलंति १।१३ । गछहि ११११ गज्जई ११३० गच्छामि ११२३ गच्छइ १२२७,३३,४७ गलियइं ११० गहिज्जइ ११२५ गह ११२७ गावहि ११२० गावइ ११३८ गाइज्जइ १४२० गिणिहु १५८ गिण्हमि १३१६ गिज्जहि १११८ गिज्जई १९४७ गेण्हहि १११७, १६१८ गोवहि ११४१ [ण] णयइ २०२८ णउइ २।२५ णच्चइ १११८, ११३८ णजेसइ २१९ णत्थि ११३७ णासइ १।११,४१,४१, २।३०, [ज] जंपहि १।१०,१२,१३, १४३४, २।२१, २०१२ जंपंइ ११८,१९,१९, ११२१,२१, २६, ११२९,४०, २१७, १५, १९ जंपय १२१ जयहि १।१,३५ जुंजइ २०१६ जय-जय १११,१७,३८, २१६, २।१७ जंति ११३८,४१,४१ जामि ११२१, ११२१, ११२०, २३,२४ जाहु ११९ जाणहि १।१०,१७,२५, २१५ जाणिहि १।४६ जाणमि ११२० जारे ११२९ जाएवउ १२०, ११२१ जाइज्जइ २०१६ (कर्मणि प्रयोगः) जिण हि १।२६, २।१५,२० जित्तइ २०२२ जिणेह १७ जीवहि ११४४ जीवहु २३ जीवंतु २१८ जुज्जइ २०१८ जुज्झइ २।२२ णाच्चिय २१९ णमंसिउ ११३४ णाडियउ ११४५ णाच्चियाहु २२९ णिवण उं २०३२ णिइ २१ णिभंछी २०१५ णिहालु २१३,८ णिसुणि २।२८ णिज्जइ २।३२ णिविदुम ११३५ [घ] घल्लइ १११० घरेइ १२१ घोसइ ११४३ [च] चिंतइ १११४,८,३१ [छ] [थ] थई २१ थक्कइ ११३५,३५, २०१८ थक्कहि ११३०, ४६ थणवहइ ११३३ थुवइ १।१७, १११९ थुणंति २।२६ छइ १११३,१३, २११,२६ छंडि २।४ छड ११८ छंडइ १६३२ छडहमि २।२२ छरियहि १।४५ छाडि २४३ छिदे २७ छिउ २।२९ छिज्जइ ११४१ छूटहिं २०२० छोड़तु १९४२ [स] शंखहि ११२० झाडे २१६ झावइ ११४६ झुणंति २।२६ [व] दक्खालहि १।३ दरसय ११३१ दाढालहं १२४ दावइ १।११,३८ दिति १११६ दिहि १।२८ दिज्जइ १४८,३२,३३, २१३२ [3] डसइ ११४१ डहइ ११४१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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