Book Title: Sanskrit Prakrit Jain Vyakaran aur Kosh ki Parampara
Author(s): Chandanmalmuni, Nathmalmuni, Others
Publisher: Kalugani Janma Shatabdi Samaroha Samiti Chapar
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संस्कृत-प्राकृत व्याकरण और काश का परम्परा
ही परसर्ग से अन्त होने वाले नामो की । उदाहरणार्थं ( १ ) एक ही शब्द से प्रारम्भ होने वाले नाम
विश्वभू, विश्वात्मा, विश्वलोकेश, विश्वतश्चसु विश्वविद्, विश्वविद्येश, विश्वयोनि, विश्वदृश्, विश्वेश, विश्वलोचन, विश्वव्यापी, विश्वतोमुख, विश्वकर्मा, विश्वमूर्ति, विश्वदृक, विश्वभूतेश, विश्वज्योति, विश्वरीश, विश्वशीर्ष, विश्वभृद्, विश्वसृड्, विश्वेत्, विश्वभुक्, विश्वनायक, विश्वाशी, विश्वरूपात्मा, विश्वजित् । ३५
महातपा महातेजा महोदके, महायशा, महाधामी, महासत्त्व, महावृति, महाधैर्य, महावीर्य महासम्पत्, महावल, महाशक्ति, महाज्योति, महाभूति, महाद्युति, महामति, महानीति, महाक्षान्ति, महादय, महाप्राज्ञ, महाभाग, महानन्द, महाकवि, महामहा, महाकीति, महाकान्ति, महावपु, महादान, महाज्ञान महायोग, महागुण, महामहपति, महाप्रभु, महाप्रातिहार्य, महेश्वर, महामुनि, महामोनी, महाध्यान, महादम, महाक्षम, महाशील, महायज्ञ, महामख, महाव्रतपति, महाकान्तिधर, महामंत्रीमय, महोपाय, महोमय, महाकारुणिक, महामत्र, महायति, महानाद, महाघोप, महेज्य, महसा पति, महाध्वरधर, महोदार्य, महात्मा, महाक्लेशाकुश, महाभूतपति, महापराक्रम, महाक्रोध रिपु, महाभवाब्धिसत्तारी, महामोहाद्रिसूदन, महागुणाकर, महायोगीश्वर, महाध्यानपति, महाधर्मा, महाव्रत, महाकर्मा, महादेव, महेशिता आदि ।
वज्रजध, वज्रसेन, वज्रदंष्ट्र, वज्रध्वज, वज्रायुध, वज्र, वज्रभृत्, वज्राम, वज्रबाहु, वज्रसज्ञ, वज्रास्य, वज्रपाणि, वज्रजातु, वज्रवान् आदि । ३७
चन्द्रमएचूड, एकचूड, द्विचूड,
1
२ एक ही शब्द से अन्त होने वाले नाम तिचूड, वज्रचूड, भूरिचूड, अर्कचूड १८ ऋक्षरजा सूर्यरजा |
३ एक ही उपसर्ग से प्रारम्भ होने वाले नाम विजर, विराग, विरत, विविक्त, वीतमत्सर वियोग ।
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विभय विभव, विशोक,
सुगति, सुश्तुत, सुवाक् आदि । "
४ एक ही ५ सर्ग से अन्त होने वाले नाम सहिष्णु प्रभविष्णु प्रभूविष्णु भ्राजिष्णु, अमभूष्णु, स्वयम्भूष्णु आदि ।
कही आदि का शब्द तो समान है किन्तु अन्त का शब्द समानार्थक है यथा महामख, महायज्ञ, महेज्य, महाध्वरधर आदि
नामिक शब्द विधान मे आदिपुराणकार जिनसेन ने कमाल कर दिखाया है । उन्होने 'विष्णुसहस्रनाम' की कडी को आगे बढाते हुए 'जिनसहस्त्रनाम' की