Book Title: Pratishtha Shantikkarma Paushtikkarma Evam Balividhan
Author(s): Vardhmansuri, Sagarmal Jain
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur
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आचार्य हरिभद्र देवचन्द्रसूरि नेमीचन्द्रसूरि उद्योतनसूरि वर्धमानसूरि जिनेश्वरसूरि अभयदेवसूरि (प्रथम)
जिनवल्लभसूरि इसके पश्चात् जिनवल्लभ के शिष्य जिनशेखर से रुद्रपल्ली शाखा की स्थापना को बताते हुए, उसकी आचार्य परम्परा निम्न प्रकार से दी है :
जिनशेखरसूरि
पद्मचंद्रसूरि
विजयचंद्रसूरि अभयदेवसूरि (द्वितीय) (१२वीं से १३वीं शती)
देवभद्रसूरि प्रभानंदसूरि (वि.सं. १३११) श्रीचंद्रसूरि (वि.सं. १३२७)
जिनभद्रसूरि
जगततिलकसूरि गुणचन्द्रसूरि (१४१५-२१)
अभदेवसूरि (तृतीय)
जयानंदसूरि
वर्धमानसूरि (१५वीं शती)
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