Book Title: Pratishtha Shantikkarma Paushtikkarma Evam Balividhan
Author(s): Vardhmansuri, Sagarmal Jain
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur
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आचार्गदनकर (खण्ड-३) 219 प्रतिष्ठाविधि एवं शान्तिक-पौष्टिककर्म विधान वासित जल से स्नान करने के लिए कहा गया है। चन्द्रग्रह से उत्पन्न दोषों की शान्ति के लिए पंचगव्य, हाथी के गण्डस्थल का मद, शंख, सीप, कमल एवं स्फटिक से वासित जल से स्नान करें - यह स्नान राजाओं के लिए बताया गया है। मंगलग्रह की शान्ति के लिए बिल्व, चन्दन, बला, लालपुष्प, हिंगुल, प्रियंगुलता, मौलसिरी वृक्ष एवं मांसियुत जल से स्नान करने के लिए कहा गया है। पृथ्वी से उत्पन्न बुधग्रह के प्रभाव से होने वाले अशुभ दोषों का निवारण करने के लिए विद्वानों ने गोबर, अक्षत, फल, सरोचन (एक प्रकार की औषधि), चम्पकवृक्ष, सीप, भवमूल एवं सोने से वासित जल से स्नान करने के लिए कहा है। गुरु ग्रह से उत्पन्न दोषों की शान्ति के लिए मालती के फूल, सफेद सरसों, मदयन्तिका की कोपलों तथा मधु-मिश्रित जल से स्नान करने के लिए कहा गया है। फल, मूल एवं कुंकुमसहित इलायची तथा शिलाजीत से वासित जल से स्नान करने से शुक्रग्रह से उत्पन्न दोषों की निःसंशय रूप से शान्ति होती है। काले तिल, अंजन, रोध्र, बला, सौपुष्प, अघन एवं गीले धान्य से वासित जल से स्नान करने पर रविपुत्र शनिग्रह से उत्पन्न प्रतिकूल दोषों का नाश होता है - ऐसा आचार्यों ने कहा है। त्रिशास्त्र में कहा गया है कि सद् औषधियों से रोगों का नाश होता है, तांत्रिक पद्धति से जैसे दुःख और भय का नाश होता है, उसी प्रकार से ऊपर कही गई विधि के अनुसार स्नान करने से निश्चय ही अशुभ दोषों का नाश होता है। अर्क (आकड़ा), कमल, खदिर, अपामार्ग, पीपल, सौंठ, उदुम्बर वृक्ष की शाखाएँ, शमी, दूर्वा एवं कुश आदि की एक बालिश्त की समिधाओं से सूर्य आदि ग्रह-मण्डल के लिए हवन करें - ऐसा सरल और सौम्य बुधजनों का कथन है। गाय, शंख, लाल बैल, स्वर्ण, पीतवस्त्र, श्वेत अश्व, दूध देने वाली गाय, काला लोहा, बड़ा बकरा - सूर्यादि ग्रहों की मुनिजनों ने यह दक्षिणा बताई है। स्नान, दान, हवन एवं बलि से ग्रह संतुष्ट होते हैं। प्रतिदिन देवता और ब्राह्मण को नमस्कार, गुरु की आज्ञा का पालन, साधुओं द्वारा शास्त्र एवं धर्मकथा का श्रवण और पवित्र भावों से जप, दान, यज्ञ एवं हवन, दर्शन करने से पुरुष को ग्रह पीड़ित नहीं करते हैं। ग्रहों की विषम स्थिति में विकाल में भ्रमण, शिकार
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