Book Title: Pratishtha Shantikkarma Paushtikkarma Evam Balividhan
Author(s): Vardhmansuri, Sagarmal Jain
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 275
________________ प्राच्यविद्यापीठ के संस्थापक निदेशक एवं ग्रन्थमाला सम्पादक प्रो. डॉ. सागरमल जैन प्राच्य विद्यापीठ, शाजापुर (म.प्र.) प्रकाशन सूची 1. जैन दर्शन के नव तत्त्व - डॉ. धर्मशीलाजी 2. Peace and Religious Hormony - Dr. Sagarmal Jain 3. अहिंसा की प्रासंगिकता - डॉ. सागरमल जैन । 4. जैन धर्म की ऐतिहासिक विकास यात्रा - डॉ. सागरमल जैन 5. जैन गृहस्थ के षोडशसंस्कार - अनु. साध्वी मोक्षरत्ना श्री 6. जैन मुनि जीवन के विधि-विधान-अनु. साध्वी मोक्षरत्नाश्री 7. अनुभूति एवं दर्शन-साध्वी रूचिदर्शनाश्री 8. जैन विधि-विधानों के साहित्यों का बृहद् इतिहास-साध्वी सौम्यगुणाश्री 9. प्रतिष्ठा, शान्तिककर्म, पौष्टिक कर्म एवं बलि विधान-अन. साध्वी मोक्षरत्नाश्री 10. प्रायश्चित्त, आवश्यक, तप एवं पदारोपण विधि-अनु. मोक्षरत्नाश्री Jain Education International www.jainelibrary.org For Private & Personal Use Only

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