Book Title: Prakruti Parichaya Author(s): Vinod Jain, Anil Jain Publisher: Digambar Sahitya PrakashanPage 13
________________ भय का लक्षण जुगुप्सा का लक्षण दर्शनमोहनीय के बंध योग्य परिणाम कषायवेदनीय के बन्ध योग्य परिणाम अकषायवेदनीय के बन्ध योग्य परिणाम आयुकर्म का लक्षण आयु कर्म के भेद नारकायु का लक्षण तिर्यंचायु का लक्षण मनुष्यायु का लक्षण देवायु का लक्षण नरकायु सामान्य के बन्ध योग्य परिणाम नरकायु विशेष के बन्ध योग्य परिणाम कर्म भूमिज तिर्यंच आयु के बन्ध योग्य परिणाम भोगभूमिज निर्यच आयु के बन्ध योग्य परिणाम कर्मभूमिज मनुष्यायु के बन्ध योग्य परिणाम कुलकरों की आयु के बन्ध योग्य परिणाम सुभोगभूमिज मनुष्यायु के बन्ध योग्य परिणाम कुभोगभूमिज मनुष्यायु के बन्ध योग्य परिणाम देवायु सामान्य के बन्ध योग्य परिणाम भवनत्रिकायु सामान्य के बन्ध योग्य परिणाम भवनवासी देवायु के बन्ध योग्य परिणाम व्यन्तर तथा नीच देवों की आयु के बन्ध योग्य परिणाम ज्योतिष देवायु के बन्ध योग्य परिणाम कल्पवासी देवायु सामान्य के बन्ध योग्य परिणाम कल्पवासी देवायु विशेष के बन्ध योग्य परिणाम लौकान्तिक देवायु के बन्ध योग्य परिणाम नामकर्म की परिभाषा नामकर्म के भेद गतिनामकर्म का लक्षण गतिनामकर्म के भेद Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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