Book Title: Prakruti Parichaya Author(s): Vinod Jain, Anil Jain Publisher: Digambar Sahitya PrakashanPage 12
________________ वेदनीय के भेद सातावेदनीय का लक्षण असातावेदनीय का लक्षण सातावेदनीय के बंध योग्य परिणाम असातावेदनीय के बंध योग्य परिणाम मोहनीय कर्म का लक्षण मोहनीय कर्म के भेद दर्शनमोहनीय का लक्षण दर्शनमोहनीय के भेद सम्यक्त्व का लक्षण मिथ्यात्व का लक्षण सम्यग्मिथ्यात्व का लक्षण चारित्रमोहनीय का लक्षण चारित्रमोहनीय के भेद . कषाय का लक्षण कषायवेदनीय का लक्षण नोकषाय का लक्षण नोकषायवेदनीय का लक्षण कषायवेदनीय के भेद अनन्तानुबंधी क्रोधादि के लक्षण अप्रत्याख्यान क्रोधादि के लक्षण प्रत्याख्यान क्रोधादि के लक्षण संज्वलन क्रोधादि के लक्षण नोकषाय वेदनीय के भेद स्त्रीवेद का लक्षण पुरुषवेद का लक्षण नपुसंक वेद का लक्षण हास्य का लक्षण रति का लक्षण अरति का लक्षण शोक का लक्षण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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