Book Title: Pragnapanasutram Part 03
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 775
________________ प्रमेयबोधिनी टीका पद १६ २० ३ जावप्रयोगनिरूपणम् भङ्गाः, अथवा एकथाहारकशरीरकायप्रयोगी च, कार्मणशरीरकायप्रयोगी चं १, अथवा एक थाहारकशरीरकायप्रयोगी च, कार्मणशरीरकायप्रयोगिणश्वर, अथवा एके चाहारकशरीरकायप्रयोगिणश्च, कार्मणशरीरकायप्रयोगी च ३, अथवा एके चाहारकशरीरकायप्रयोगिणश्च, कार्मणशरीरकायप्रयोगिणश्च, ४, चत्वारो भङ्गाः, अथवा एकश्चाहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी च, कार्मणशरीरकायप्रयोगी च १, अथवा एकश्चाहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी च, कार्मणशरीर' (अहवेगे आहारगसरीरकायप्पओगी य कम्मगसरीरकायप्पओगी य) अथवा कोई एक आहारकशरीरकायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी (अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी य कम्लासरीरकायप्पओगिणो य) अथवा कोई एक आहारकशकीरकायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीरकायप्रयोगी (अहः वेगे य आहारगसरीरकायपओगिगो य कम्मासरीरकायप्पओगी य) अथवा कोई अनेक आहारकशरीरकायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी (अहवेगे य आहारग सरीरकायप्पओगिगो य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य) अथवा कोई अनेक आहारकशरीरकायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीरकायप्रयोगी (चउरो भंगा) ये चार भंग होते हैं। (अहवेगे य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मगसरीरकायप्पओगी य) अथवा कोई एक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरका. यप्रयोगी (अहवेगे य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य) अथवा कोई एक आहारकमिश्रशरीरकाययोगी और अनेक कार्मणशरीरकायप्रयोगी (अहवेगेय आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य, कम्मासरीरभने भने माडा२४ मिश्र ४२२४।५ प्रयोगी (चत्तारि भंगा) २॥ या२ An याय छ , (अहवेगे आहाररसरीरकायप्पओगी य कम्मगसरीरकायप्पओगी य) अथ। भने भाही. २४ शरी२४१य प्रयोगी मन मे भर शरी२४१य प्रयोगी (अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य) Aथ ४ माडा२ शरी२४॥य प्रयोगी भने अने४ र शरी२४।५ अयोगी (अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य कम्मा सरीरकायप्पओगी य) A24 छ भने भाडा२४ शरी२४।य प्रयोगी मने मे भय शरी२४ायप्रयोगी (अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायपओगिणो य) मया 15 अने४ मा २४ शरी२:४५प्रयोगी मने मने शरी२४.यप्रयोगी (चउरो भंगा) ल्या या२ 1 थाय छे, (अहवेगे य आहारगमीसासरीरकायापओगी य कम्मगसरीरकायप्पओगी य) AAnts से मा२४भिशरी२४य प्रयोग भने ४ शश२४।यप्रया (अहवेगे य आहारगमीसा

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