Book Title: Pragnapanasutram Part 03
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 799
________________ प्रबोधिनी टीका पद १६ सू० ४ जीवप्रयोगे त्रिकसंयोग निरूपणम् ८६९ attareप्रयोगच आहारकशरीरकायप्रयोगी च कार्मणशरीरकायप्रयोगिणश्च २, अथवा एकच औदारिक मिश्रशरीरकायप्रयोगी च आहारकशरीरकायप्रयोगिणश्च कार्मणशरीरकायप्रयोगीच ३, अथवा एक औदारिकमिथशरीर काय प्रयोगी च आहारकशरीरकायप्रयोगिणश्च कार्मणशरीरायप्रयोगिगथ ४, अथवा एकच औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगिणच आहारकशरीरका प्रयोगी च कार्मणशरीरकायमयोगी च ५, अथवा एक चौद ( रिकमिश्रशरीरकाय प्रयो ( अहवेगे य ओरालियमी सासरी रकायप्पओगी य, आहारगसरीरकाययओगी य, कम्मगसरीरकायप्पओगिणो य) अथवा एक औदारिकमिश्र शरीर कायप्रयोगी, एक आहारकशरीरकायप्रशेगी और बहुत कार्मणशरीर कायप्रयोगी (२) । (अवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य, आहारगसरीरकायप्पओगिणोय, कम्मगसरीरकायप्पओगी प ) अथवा एक औदारिकशरीरकायप्रयोगी, बहुत आहारकशरीरकायप्रयोगी और एक कार्मण शरीरका प्रयोगी (३) । ' ( अहवेगे य ओरालियमीसासरीरका यप्पओगीय, आहारगसरीरकायप्पओगिणो य, कम्मगसरीरकायप्पओगिलोय) अथवा एक औदारिक मिश्रशरीकाययोगी, बहुत-से आहारकशरीरकायप्रयोगी अनेक और कार्मणशरीरकायप्रयोगी (४) । ( अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारक सरीरकायष्पओगीय, कम्मगसरीरकायप्पओगी य) अथवा बहुत औदारि कमिशरीर क्रायप्रयोगी, एक आहारकशरीर कायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायम योगी (५) । - ( अहवेगे य ओरालियमी सासरीर काय पओ गिलोय, आहारगसरीरकाया ( अहवेगे य ओरालिय मीसासरीरकायप्पओगी य, आहारगसरीरक. यप्पओगी "य, " कम्मग सरीरकोयप्पओगीणा य) अथवा मे मोहारि मिश्र शरीराय प्रयोगी, ये आडा. રક શરીરકાયપ્રયાગી અને ઘણા કાણુ શરીરકાય પ્રત્યેાગી (૨) ( अहवेगे य ओरालिय मीसा सरीरकायप्पओगी यं, आहारगसरीरका यपओ गिणो य कम्मगसरीरकाय'पओगी य) अथवा सेठ सोहारिए शरीरभय प्रयोगी, घाणा से हार શરીરકાય પ્રયેણી અને' એક કાણુ શરીરકાય પ્રયાગી (૩) ( अहवेगे य ओरालिय मीसासरीर कायप्पओगी य, आहारगसरीर काचप्पओगिणो य, कम्मगसरीरकायप्पओगिणो य) अथवा मे गोहारि मिश्र शरीराय अयोगी, धाथा मधा આહારક શરીરકાય પ્રયેગી અને ઘણા કાણુ શરીરકાય પ્રયેગી (૪) ( अहवेगे य ओरालिय मीसा सरीरकायप्पओगिणो य, आहारगसरीर कायप्पओगी य, कम्मग सरीरकायप्पओगी च) अथवा धा हारि४ मिश्र शरीरभय प्रयोग, ર૪ શરીરકાય પ્રાણી અને એક કાણુ શરીરકય પ્રયે ગી (૫) डि ( अहवेगे य ओरालिस मीसासरीरकायप्प ओरिणो य, आहारगसरीरकॉयप्पओगी य, कम्मगसरीरकायप्यओगिणो य) अथवा घणा मोहारि मिश्र शरीराय प्रयोगी, ये ह

Loading...

Page Navigation
1 ... 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822 823 824 825 826 827 828 829 830 831 832 833 834 835 836 837 838 839 840 841 842 843 844 845 846 847 848 849 850 851 852 853 854 855 856 857 858 859 860 861 862 863 864 865 866 867 868 869 870 871 872 873 874 875 876 877 878 879 880 881