Book Title: Pragnapanasutram Part 03
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 823
________________ प्रमेयदोधिनी टीका पद १६ ० ५ जीवप्रयोगे चतुष्कसंयोगनिरूपणम् ८८३ रिकमित्रशरीरकायप्रयोगी च, आहारकशरीरकायनयोगिणश्च, आहारक मिश्रशरीर का यप्रयो गिणच, कार्मणशरीर कायप्रयोगिणथ, केचन भवन्तीति ८, 'अहवेगे य ओरालियमीसा'सरीरकायपभोगिणो य, आडारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरी रकायप्पओगी - य कम्मासरीरकायप्पओगी य ९१ अथवा एकेच - केचन औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगिfe कथित् आहारकशरीरकायप्रयोगी च कथन आहारक मिथशरीर काय प्रयोगी, च, कचित् कार्मणशरीरायप्रयोगी व भवति ९, ' अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकार्यप्पओगिगोय, आहारगसरीरकायप्पओगी व आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्पासरीराकायप्पओगिणो च १०, अथवा एकेच केचन औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगिणश्च कथन आहारकशरीरका योगी च कथिद आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी च केचन कार्मणशरीरकterature भवन्ति १०, 'अइवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारreventeenी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्पासरीरकायप्प ओगी य ११' अथवा एकेच - मनुष्याः औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगिणथ, एकच आहोरकमनुष्य आहारकशरीरकायमयोगी होते हैं, बहुत-से आहारकमिश्रशरीरकार्यप्रयोगी होते हैं, बहुत से कार्मणशरीर कायप्रयोगी होते हैं । (८) अथवा बहुत से मनुष्य औदारिक मिश्रशरीरकायप्रयोगी होते हैं, कोई एक आहारकशरीरका प्रयोगी होता है, एक आहारक मिश्रशरीर कायप्रयोगी होता है, एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होता है । (९) अथवा बहुत से औदारिकमिश्रशरीरकायपयोगी होते हैं, एक कोई आहारकशरीरका प्रयोगी होता है, एक आहारकसिश्रशरीर कायप्रयोगी होता है और बहुत से कार्मणशरीरकायप्रयोगी होते हैं । (१०) अथवा वहुत-से औदारिकमिश्र शरीरकायप्रयोगी होते हैं, एक आहारकशरीरकाrप्रयोगी होता है, बहुत-से आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी होते हैं, एक આહારકશરીરકાયપ્રયોગી હાય છે, ઘણા આહારક મિશ્રશરીરકાયપ્રયોગી હાય છે, ઘણા अर्भशुशरीरायप्रयोजी होय है. (८) અથવા ઘણા મનુષ્ય ઔદારિક મિશ્રશરીરકાયપ્રયોગી હાય છે, કોઈ એક આહારક શરીરકાયપ્રયોગી હૈાય છે, એક આહારક મિશ્રશીરકાયપ્રયોગી હૈાય છે એક કામ ણુશરીરआयप्रयोगी होय छे. (८) અથવા ઘણા ઔદારિક મિશ્રશરીરકાયપ્રત્યેાગી હાય છે, કઈ એક આહારશરીરકાય પ્રયાગી હાય છે. એક આહારક મિશ્રશરીરકાયપ્રયોગી હાય છે અને ઘણા ટાણુશરીરકાયप्रयोगी होय छे (१०) 3 · અથવા ઘણા ઔદારિક મિશ્રશરીરકાયપ્રયાગી હેાય છે, એક આહારકશરીરકાયપ્રયાગી હાય છે, ઘણા આહારક મિશ્રશરીરકાયપ્રયેગી હાય છે, એક કાણુંશરીરકાવપ્રયેગી હાય છે (૧૧)

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