Book Title: Pragnapanasutram Part 03
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 856
________________ प्रज्ञापनासूत्र गतिः १३, तत् का सा चतुःपुरुषप्रविभक्तगतिः ? चतुःपुरुषप्रविभक्तगतिस्तत् यथानाम चत्वारः पुरुषाः समं पर्यवस्थिताः समं प्रस्थिताः १, समं पर्यवस्थिताः विपर्म प्रस्थिताः २, विषम पर्यवस्थिताः विपमं प्रस्थिताः ३, विषमं पर्यवस्थिताः समं प्रस्थिताः ४, ते एते चतुः पुरुषप्रविभक्तगतिः १४, तर का सा वङ्कगतिः ? वङ्कगतिश्चतुर्विधा प्रज्ञप्ता, तद्यथा-घट्टनया स्तम्भनया श्लेषणया पतनत या, सा एपा वङ्कगतिः १५, तत् का सा पङ्कगतिः ? पङ्कगतिस्तत् यथानाम कश्चित् पुरुषः पङ्के वा उदके वा कायमुद्वध्य गच्छति, सा एषा पक्कगतिः १६, जहिस्सप्रविभत्तगती) वह उद्दिश्यप्रविभक्तगति है। । (से किं तं चउपुरिसपविभत्तगई ?) चतुःपुरुषप्रविभक्तगति किसे कहते हैं ? (से) अथ (जहा नामए) कोई भी नामवाले (चत्तारि पुरिसा) चार पुरुष (समगं पविहा) एक साथ रवाना हुए और (समगं पजविया) एक साथ पहुंचे १, (समगं पविठ्ठा) एक साथ रवानाहुए (विसमं पजविया) आगे-पीछे पहुंचे २ (विसमं पविट्ठा) आगे-पीछे रवाना हुए (समगं पजविया) एक साथ पहुंचे (विसमं पविठ्ठा) आगे-पीछे रवाना हुए (विसमं पज्जविया) आगे-पीछे पहुंचे (से तं चउपुरिसंपविभत्तगई) वह चतुःपुरुष प्रविभक्तगति है। . (से कि तं वंकगती?). वक्रगति क्या है ? (वंकगती चउन्विहा पण्णत्ता) चक्रगति चार प्रकार की कही है (तं जहा) वह इस प्रकार (घट्नया) घटन से (थंभणया) स्तंभन से (लेसणया) चिपकन से (पवडणया) पतन से (से तं वंकगती) वह वक्रगति है। . (से किं तं पंकगती १२ ) पंकगति किसे कहते हैं ? (से) अथ (जहा नामए) कोई भी नाम वाला (केइ पुरिसे) कोई पुरुष (पंकसि वा) कीचड में (उदयंसि वा) । (स कितं चउपुरिसंपविभत्तगई ?) तुY३५ प्रतिसत मति अन ४ छ १ (से) मथ (जहानामर) 15 ५ नामवाणा (चत्तारि पुरिसा) या२ ५३५ (समगं पविट्ठा), ४ साथै २वाना थय। मने (समग पज्जविया) मे साथे पडोंच्या-१, (समगं पविट्ठा) मे साथै २वाना या (विसमं पज्जविया) ITI पा पोड24। २, (विसमं पविट्ठा) मागण पा४१ २वाना या (समग पज्ज विचा) ये४ स.2 पाया (विसम, पविट्ठा) मा पा७ 'वान.थया (विसमं पजविया) मरण पा७ पहाया (से तं चउपुरिसपविभत्तगई) ते ચતું પુરૂષ પ્રવિભક્ત ગતિ છે (से कि तं, वंकगति ? २) 48 गति शु १ (वंकगती चउन्चिहा पुण्णत्ता) पति यार २नी ४डी छे (तं जहा) ते 20 मारे छे (घट्टनया) घनथी (थंभणया) सनथी "(लसणया) यि! याथी (पवडणया) पतनथी (से तं वंगती) ते पगति छ । ___ (से कि पकगती? २) ५४ गति शेन छ ? (से) अथ (जहानांमए) 315 पY नाभा (कई पुरिसे) 15.५३५ (पंकसि वा) श्रीयमा (उदयसि वा) मथा पाए।

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