Book Title: Pragnapanasutram Part 03
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 810
________________ ७४ .. प्रतापनास्त्रे कायप्रयोगी च, एकच आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगिणश्च, एकेच कार्मणशरीरकायप्रयोगिणश्च भवन्ति ४, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओ; गी य कम्मगसरीरकायप्पओगिणो य ५' अथवा एकेच-केचन औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगिणश्व, एकच आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी च, एकेच कामगशरीरकायप्रयोगिणश्च भवन्ति५, 'अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पभोगिणो र आहारगमीसासरीरकायप्पभोगी य६'कम्मगसरीरकायप्पभोगी य६' अथवा एकेच-केचन औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगिणश्च कश्चिद् आहारकमिश्रशरीरप्रयोगी च, कश्चित् कार्मणशरीरकायप्रयोगी च भवति ६, 'अहवेगे य. ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मगसरीरकायप्पओगी य ७' अथवा एकेच केचन औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगिणश्च आहारकमिश्रशरीरकाप्रयोगिणश्च, कार्मणशरीरकायप्रयोगी च कश्चिद् भवति ७; 'भहवेगे य ओरालियमनुष्य आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी होते हैं और अनेक मनुष्य कार्मणशरीरकायप्रयोगी होते हैं । (४) . अथवा कोई अनेक मनुष्य औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी होते हैं। कोई एक मनुष्य आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी होता है और एक मनुष्य कार्मणशरीरकायप्रयोगी होता है । (५) - - . ___अथवा अनेक मनुष्य औदारिकमिशरीरकायप्रयोगी. होते हैं, होई एक मनुष्य आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी होता है और कोई बहुत कार्मणशरीरकायप्रयोगी होते हैं । (६) • अथवा अनेक मनुष्य औदोरिकमिश्रशरीरकार्यप्रयोगी होते हैं, अनेक मनु: व्य आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी होते हैं और कोई एक कर्मणशरीरकाय. प्रयोगी होता है । (७) अथवा बहुत-से मनुष्य औदारिकमिश्रशरोरकायप्रयोगी होते हैं, बहुत-से. આહારક મિશ્રશરીરકાયપ્રયોગી બને છે, અને અનેક મનુષ્ય કામણુશરીરકાશપ્રાગી थाय छे. (४) અથવા કેઈ અનેક મનુષ્ય દારિક મિશ્રશરીરકાપપ્રયોગી હોય છે, કેઈ એક મનુષ્ય આહારક મિશ્રશરીરકાયપ્રયોગી હોય છે, અને એક મનુષ્ય કાર્મgશરીરકાયપ્રયોગી થાય છે (૫) અથવા કેઈ અનેક મનુષ્ય ઔદારિક મિશ્રશરીરકાયપ્રયોગી હોય છે, કેઈ એક મનુષ્ય આહારક મિશ્રશરીરકાયપ્રયોગી થાય છે અને કેઈ ઘણુ કાર્મશરીરકાયપ્રયોગ, थाय छे. (6) અથવા અનેક મનુષ્ય ઔદારિક મિશ્રશરીરાયપ્રયોગી હોય છે અનેક મનુષ્ય આહારક મિશ્રશરીરકાયપ્રયોગી હોય છે અને કોઈ એક કામણુશરીરકાયમયોગી હોય છે. (૭).

Loading...

Page Navigation
1 ... 808 809 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822 823 824 825 826 827 828 829 830 831 832 833 834 835 836 837 838 839 840 841 842 843 844 845 846 847 848 849 850 851 852 853 854 855 856 857 858 859 860 861 862 863 864 865 866 867 868 869 870 871 872 873 874 875 876 877 878 879 880 881