Book Title: Niti Shiksha Sangraha Part 01
Author(s): Bherodan Jethmal Sethiya
Publisher: Bherodan Jethmal Sethiya

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Page 19
________________ नीति-शिक्षा-संग्रह (15) 16 भक्ति मार्ग में चलने वाला अकेले अपने को ही तार सकता है, और ज्ञान मार्ग में चलने वाला अनेक को / 20 प्रकृतिके नियमों को जानने वाले अपने पर कोई क्लेश नहीं आने देते / नियमों का ज्ञान होने से वे यथायोग्य आचरण कर लेते हैं / शिक्षा द्वारा अपनी प्रवृत्तियों को अपने वश में कर सकते हैं। 21 उत्तम व्यवहार वाले अपने आचरण में रही हुई स्थूल मलीनता को जप तप दान दया आदि क्रियाओं से दूर कर सकते हैं। 22 विवेक दृष्टि वाले मनुष्य अपने मन की सूक्ष्म मलीनता को शिक्षा द्वारा दूर कर सकते हैं / __ 23 स्थूल मलीनता वाले को व्यवहारक्रिया- दान आदि उपयोगी हैं / दानादि के द्वारा मलीनता कम होती जाती है। बस्ती में रहने वाले उत्तम काम करके ही मलीनता दूर कर सकते 24 सूक्ष्म मलीनतावाले निर्जन प्रदेश में रहकर मलीनता कम कर सकते हैं / गाँव और वन दानों, अधिकारी के भेद से लाभ देने वाले हैं। . 25 सम्पूर्ण जीवों की आत्मा शुद्ध है यदि तुम्हें ऐसा दृढ़ निश्चय है, तो जो कोई तुम्हारे साथ भला या बुरा करे, उस पर

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