Book Title: Niti Shiksha Sangraha Part 01
Author(s): Bherodan Jethmal Sethiya
Publisher: Bherodan Jethmal Sethiya

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Page 24
________________ (20) सेठियाजैनग्रन्थमाला वाले-उन्नत करने वाले हैं। 51 ज्ञान बढ़ाने का मुख्य उपाय उत्तम विचार है / अपने दोषों से अपने को अवश्य कष्ट भोगना पड़ेगा / जागता हुआ मनुष्य इशारे से अपनी भूल समझ कर उसे रोकने का उपाय करता 52 भिन्न भिन्न प्रकृति वाले मनुष्यों के साथ मेल रखने से प्रकृति का अच्छा ज्ञान होता है / उन्नति के अनेक मार्ग हैं, और वे अनेक पात्रों से मिलते हैं। अपने भीतर छिपा हुआ मालिन्य भी उन पात्रों के निमित्त से बाहर निकल पड़ता है। 53 प्रकृति के अनुकूल अपनी चित्त वृत्ति बना लोगे तो कोई भी व्यक्ति तुम्हारा अपमान न कर सकेगा / धर्म की ध्वजा फहराने वाले को इस नियम का हमेशा स्मरण रखना चाहिए / 54 जिस समय तुम्हें निराशा उत्पन्न होती है, जिस समय प्रकृति-विरुद्ध तुम्हारी मनोवृत्ति होजाती है, या तुम्हारी इच्छा के विरुद्ध कोई काम हो जाता है, उस समय सारा संसार तुम्हें विरुद्ध मालूम होने लगता है, इसलिए सब से पहले अपने मन को शान्त रखना सीखो। 55 पवित्र विचार रक्खोगे तो तुम से विरुद्ध होने का किसी को सामर्थ्य न होगा। 56 अपनी और दूसरों की इच्छाओं का दुरुपयोग न

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