________________ नीति-शिक्षा-संग्रह (23) सामने खड़ा कर दो। पहले के नीच विचार विलीन हो जायेंगे | 80 खानपान में विवेक रखने से शारीरिक निर्बलता दूर होती है तथा आयु भी बढ़ती है और रोगों की उत्पत्ति में कमी होती है। 81 विद्या का अभ्यास करने से मानसिक-शक्ति तीव्र और विकसित होती है। 82 संकट और दुःख के प्रत्यक्ष कारण अपने काम ही ८३अपना चारित्र सुधारने तथा शिक्षा ग्रहण करने और उत्तम स्वभाव बनाने एवं अपना जीवन सुखी करने के लिए अपने मानसिक विचार मुख्य कारण हैं / 84 पूर्व जन्म का संस्कार और जीवन के चारों ओर के संयोग, इन दोनों से इस समय की अपनी स्थिति बनी हुई है। 85 सुख दुःख का आधार मन की स्थिति पर रहा हुआ है, बाहर के संयोगों को अपनी रुचि के अनुकूल बनाने की अपेक्षा अपने मन को उन के अनुकूल बनाने की आदत डालो / यह सुख प्राप्ति का रहस्य है। 86 लाखों रुपयों की माय वाली जमींदारी मिलने की अपेक्षा वस्तु की स्थिति तथा बाहर के संयोग को अपने अनुकूल बनाने की आदत का होना अधिक सुखकर है / जो मनुष्य हर एक वस्तु