________________ सेठियाजैनग्रंथमाला ~~~ ~ 6 जन्म देनेवाला, धर्मोपदेश देनेवाला, विद्या पढ़ानेवाला, अन्न देनेवाला और भय से बचाने वाला,ये पांच पिता गिने जातेहैं। __7 राजा की पत्नी, गुरुपत्नी, मित्रपत्नी, सामु और अपनी जननी ये पांच माता मानी गई हैं। __ 8 मनुष्य शास्त्र सुनकर धर्म को जानता है, शास्त्र सुनकर दुर्बुद्धि को छोड़ता है, शास्त्र सुनकर ज्ञान पाता है और मोक्ष को प्राप्त करता है। 6 पक्षियों में कौवा और पशुओं में मुर्गा चाण्डाल होता है। मुनियों में चाण्डाल पापी तथा सब में चाण्डाल निन्दक होता है / 10 कांसे का बर्तन राख से शुद्ध होता है, तांबे का मैल खटाई से जाता है, स्त्री रजस्वला होने पर शुद्ध होती हैं और नदी धारा के वेग से पवित्र होती है / 11 राजा और ब्राह्मण भ्रमण करने से आदर पाते हैं, योगी घूमने से पूजा जाता है, लेकिन स्त्री घूमने से नष्ट - भ्रष्ट हो जाती है। 12 जिस के पास धन है, उस के मित्र और बन्धु होते हैं, वही पुरुष गिना जाता है और वही पण्डित माना जाता है / ___ 13 जैसा होनहार होता है, वैसी बुद्धि हो जाती है; वैसे ही सहायक भी मिलजाते हैं। 14 जन्म का अन्धा नहीं देखता, काम से अन्धे हुए को हानि लाभ नहीं सूझता, मदोन्मत्त किसी को नहीं देखता, और