________________ नौति-शिक्षा-संग्रह 89 लड़को तथा नवयुवको ! गंजेड़ी, भंगेड़ी, मदकची, अफीमची, शराबी, तम्बाकू सेवन करने वाले और चाय वगैरः पीनेवाले व्यक्तियों को हरगिज अच्छा मत समझो- उन की संगति भूलकर भी मत करो। 6. जिससे एक बार मित्रता कर ली हो, उससे फिर जहां तक हो सके बैर मत करो। यदि किसी कारण वश मनोमालिन्य हो भी जावे तो मन में ही रखो और दूसरे लोगों पर प्रकट मत होने दो। 61 किसी न किसी सभा समिति समाज अथवा संस्था के सभासद अवश्य ही बन जाओ, और उस में दिलचस्पी से भाग लो। 62 अपने घर पर आये हुए मनुष्य से ज़रूर बोलो, यदि बोलने, के लिये कोई बात न हो तो कुशल समाचार तथा उसके पाने का कारण ही पूछो / कहीं ऐसा न हो कि आप उससे बोले ही नहीं और वह बुरा मानकर चला जाय / 13. यदि कोई अपने घर पर आया हो तो आपको उसके पास उपस्थित रहना चाहिए। यदि आपको उसी समय कोई आवश्यकीय कार्य हो तो उसके लिए आगन्तुक महाशय से आज्ञा मांग लो। 64 किसी दूसरे की पुस्तक को यदि पढ़ने के लिये मांगकर लाये हो तो उस पर अपना नाम या और कुछ भी न लिखो, यहां तक कि पुस्तक के मालिक का नाम भी उस की माज्ञा के विना अपने हाथ से न लिखो / याद रखो कि पुस्तक मैली न हो जावे, पृष्ठों के कोने न मुड़ने पावें / कोई अनजान बालक किसी पृष्ट को या