Book Title: Niti Shiksha Sangraha Part 01
Author(s): Bherodan Jethmal Sethiya
Publisher: Bherodan Jethmal Sethiya
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________________ नीति-शिक्षा-संग्रह (107) शब्द अर्थ अर्थ दुरुपयोग अनुचित इस्ते- पटल स्थल. माल. पट्ट पड़ना बैठ जाना. दुश्चरित्र दुराचारी, दुरा- पतन अवनति, गिरना. चार. | पतित गिरा हुआ. दूरदर्शी विचारक, श्रागे | पदाधिकार हक, हुकूमत. कीसोचने वाला. | परिवर्तन बदलना. ' द्वारपाल दरवान, द्वारर- | परिस्थिति हालत, दशा, अक्षक. वस्था . 1. धीरता... धीरज, घबरा न | प्रकृतिजन्य स्वाभाविक, स्व.. . जाना. .. भाव से होने नर-पिशाच अत्यन्त कर श्रादमी बाला. निःसत्त्व कमजोर, दुर्बल. प्रतिष्ठित इजतदार. नियत निश्चित. प्राणप्रण अत्यन्त प्रयास, निराकरण दूरीकरण, निवा प्राणत्याग तक की रगा. - प्रतिक्षा. निराशा हताशा, श्राशा का पात्र व्यक्ति .. . प्रभाव. प्रादुर्भाव उद्भूति, प्रकट निरुद्योगी वेकार, वेकाम, होना. उद्योग रहित. प्रौढ़-अवस्था यौवन के वाद की . निर्जन , एकान्त, सुनसान. अवस्था. . निर्भर आश्रित, अक्ल-फहराना फर्राना, उड़ना. म्बित. बकझक बकबक, बकवाद. निषिद्ध मना किया हुश्रा. | बसेरा निवास. * निस्पृह निरीह, इच्छा भविष्य भविष्य होनहार, आगामी रहित. | भावी भागे होने वाला,

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