Book Title: Niti Shiksha Sangraha Part 01
Author(s): Bherodan Jethmal Sethiya
Publisher: Bherodan Jethmal Sethiya

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Page 62
________________ सेठियाजेनग्रन्थमाला छोड़कर घुङ्गची को पहनती है। निद्रा और अतिसेवा इन आठों को विद्यार्थी छोड़ दे। 61 अपनी आमदनी की चौथाई को बचा रक्खे , और एक चौथाई को व्यापार में लगावे , तथा एक चौथाई को धर्मकार्यों में और अपने भोग में खर्च करे , बची हुई चौथाई को अपने माश्रितों के पालन पोषण में खर्च करे। 62 बहुत आय वाला धनाढ्य पुरुष अपनी आय में से आधा या आधे से भी अधिक धर्म कार्यों में खर्च करे, बाकी के द्रव्य से संसार के छोटे मोटे काम करे / ___63 धन के हरण करने वाले सात हैं-चोर अग्नि पृथ्वी पानी देवता राजा और कुटुम्बी लोग / चोर जबरदस्ती धनको चुरा लेजाता है / अग्नि काण्ड होने पर जल जाता है। भूकम्प होने पर पृथ्वी में समा जाता है। नदी आदि की बाढ़ आने पर जल में बह जाता है। देवता का प्रकोप होने पर धन लोप हो जाता है। राजा दण्ड आदि देकर ले लेता है और कुटुम्बी लोग लड़ झगड़ कर लेलेते हैं; अर्थात् धन केवल पुण्य के बल से रहता है, इसलिए धर्माचरण कर पुण्य संचय करना चाहिए / 64 यदि मनुष्य दरिद्री है तो आमदनी की चौथाई अवश्य बचा रखे; क्योंकि संभव है कि पैदा करने वाला बीमार पड़ जाय, या कुछ

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