________________ . नीति-शिक्षा-संग्रह (86) से क्या लाभ ? यदि भलमंसी है तो दूसरे गुणों से क्या मतलब ? यदि संसार में कीति है तो गहनों का लादना फिजूल है, यदि उत्तम विद्या है तो धन चाहे हो या न हो, कोई चिन्ता की बात नहीं, यदि अपकीर्ति है तो मरने से क्या भय है। 23 जिस का पिता रत्नों की खानि समुद्र है, जिस की बहिन लक्ष्मी है, ऐसे प्रतापी और बलवान् सहायको के होते भी शंख को भीख मांगनी पड़ती है, सच है विना दान दिये किसी को कुछ नहीं मिलता। 24 जिस में किसी तरह का बल नहीं रहता वह झूठ मूठ का त्यागी हो जाता है, जो निर्धन होता है वह ब्रह्मचारी बन जाता है,जो रोग से पीड़ित होता है वह देवताओं की भक्ति करने लगता है, जो स्त्री वृद्धा हो जाती है वह पतिव्रता बन बैठती है। 25 अन जल तथा अभयदान बराबर दूसरा दान नहीं है, अष्टमी और चतुर्दशी के समान दूसरी तिथि नहीं है, नमोकार मन्त्र से बढ़कर कोई मन्त्र नहीं है, और माता से बढ़कर कोई देवता नहीं है। 26 सांप के दांतों में विष रहता है, मक्खी के सिर में विष रहता है,बिच्छू की पूंछ(डंक)में जहर रहता है; किन्तु दुर्जन के तो सम्पूर्ण शरीर में ही जहर भरा रहता है। 27 दान देने से, सैकड़ों व्रत उपवास करने से या तीर्थ यात्रा करने से, स्त्री उतनी शुद्ध नहीं होती; जितनी कि अपने पति के चरणों