________________ नीति-शिक्षा-संग्रह जहां मनुष्यों की दृष्टि नहीं पड़ती हो / 42 जो स्त्री आप को देकर लज्जा करे,उस के सामने ज्यादा फिरना, विना कारण बात चीत करना या उस की तरफ देखना ठीक नहीं। 43 अगर मंजूर करने योग्य बात है और उसे पाप का मन मान रहा है तो उसे विना किसी भय के मान लो, व्यर्थ ही जिद्द मत करो।हैं। उस के विषय में उचित ऊहापोह - तर्क वितर्क करने में कोई हानि नहीं / __44 प्राय: स्त्रियां विवाह मादि उत्सवों में या अपने नाते रिश्तेदारों को गाली वाले गीत गाया करती हैं, किन्तु यह कुरिवाज अपनी आत्मा और जाति का पतन करने वाला हैइसलिए बहिनों को चाहिए कि गाली वाले गीत किसी को न सुनावें / भद्दे गीत गाना निर्लजता का चिह्न है। 45 जिस किसी से जिस समय मिलने जुलने को कहो, उस से ठीक समय पर मिलो। यदि कोई जरूरी काम आ पड़े तो उस. काम को भी छोड़ दो ! जिस से मिलने का वादा किया है, उस से थोड़ी देर ही मिलकर जरूरी काम के लिये आज्ञा माँग लो; किन्तु अपने वचन को मत खोओ। 46 उत्सव, मेले, बाजार या मनुष्यों की भीड़ में चलते समय यदि किसी को आप का धक्का लग जावे तो उस से उसी समय" मुआफ करना क्षमा कीजिये' इत्यादि बाक्य कहकर