Book Title: Niti Shiksha Sangraha Part 01
Author(s): Bherodan Jethmal Sethiya
Publisher: Bherodan Jethmal Sethiya

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Page 102
________________ सैठियाजैनग्रन्थमाला की तन और धन से सेवा करो। * 73 सभा सोसाइटियों में बहुमत का ध्यान रखते हुए अपना मत बहुत सोच विचार के साथ प्रकट करो। ___ 74 किसी की वस्तु खोजाने पर या गिर जाने पर यदि आप को मिल जावे तो आप उसके मालिक को लौटा दो / यदि मलिक का पता न चले तो सत्र को प्रकट कर दो और उसे अपने पास न रखो, बल्कि पुलिस में या सेवासमिति आदि ऐसी संस्था में दे दो, जो उसे वहां तक पहुँचा दे / . 75 कई बहिनें और माताएँ बहुत ही महीन कपड़ा पहिनती हैं, जिस से उन का अंग उपांग साफ दिखाई पड़ता हैं, यह निजता का सूचक है / घर के बाहर तो ऐसे कपड़े पहन कर कदापि नहीं निकलना चाहिये। __76 जिस पुरुष या स्त्री का वदनाम हो- चाल चलन, रहन सहन ठीक न हो, उसे घर में कामकाज के लिए नहीं रखना चाहिये, न उसका घर में प्रवेश ही होने देना चाहिये। ___77 नीचों की संगति से बिलकुल दूर रहना चाहिये---- क्योंकि लोग संगति के अनुसार आप को समझने लगेंगे / भले ही भाप मदिरा का स्पर्श भी न करें, लेकिन कलाल की दूकान पर बैठने से या कलाल अथवा शराबी की संगति करने से लोगों का आप पर भ्रम हो जावेगा; इसलिए ऐसी संगति में बैठने से लांछन लगता हो महा भूलकर भी पैर मत रक्खो /

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