________________ (70) सेठियाजैनग्रन्थमाला व्याकुल नहीं होना चाहिए। 34 उत्तम नीतिज्ञ लोग निन्दा करें या स्तुति, चाहे लक्ष्मी आवे या चली जावे, आज ही मृत्यु आवे या कई युगों के बाद, इन बातों की परवाह नहीं; किन्तु धीर पुरुष न्याय-मार्ग से कभी विचलित नहीं होते। __35 राजा नल और पाण्डवों को जुए के व्यसन से राज्य छोड़ना पड़ा / मांस भक्षण से राजा बक को कठिन दुःख भोगना पड़ा, मदिरा पीने से यादव कुल का संहार हुआ / वेश्या गमन से चारुदत्त ने दुःसह दुःख भोगे / शिकार से ब्रह्मदत्त राजा को, चोरी से शिवभूति विप्र को तथा परस्त्री से रावण को नरक की भयंकर यातना भोगनी पड़ी। एक एक व्यसन से उक्त पुरुषों को असह्य संकट भोगना पड़ा / जो मनुष्य अनेक व्यसनों का सेवन करते हैं, उनकी क्या दशा होगी ? / . 36 जो मनुष्य राज्य में अधिकार पाकर अपनी आज्ञा, कीर्ति, धार्मिक पुरुषों का पालन, दान, भोग और मित्रों का रक्षण, ये छह गुण नहीं सम्पादन कर सका, उसका अधिकार पद प्राप्त करना व्यर्थ है। 37 द्रव्य का भण्डार पूर्व दिशा में, रसोई घर अग्नि कोण में, शयन-स्थान दक्षिण दिशा में, शस्त्रादि नैर्ऋत्य कोण में, भोजन पश्चिम दिशा में, नाज का संग्रह वायव्य कोण में, जल का स्थान