Book Title: Niti Shiksha Sangraha Part 01
Author(s): Bherodan Jethmal Sethiya
Publisher: Bherodan Jethmal Sethiya

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Page 44
________________ (40) सेठियाजैनग्रन्थमाला शोभित होता है। . 73 जैसे अग्नि से जलते हुए एक सूखे वृक्ष से साग बन जल जाता है, वैसे ही एक कुपुत्र से सारा कुल दग्ध-दूषित हो जाता है। 74 विद्वान् और सदाचारी एक ही पुत्र से सम्पूर्ण कुल भानन्दित होता है, जैसे चन्द्रमा से रात्रि / 75 शोक और सन्ताप देने वाले बहुत से पुत्रों के उत्पन्न होने से क्या लाभ? , कुठ को सहाग देने वाला एक ही पुत्र श्रेष्ठ है, जिस के होने पर कुल को विश्राम मिलता है / 76 पुत्र को पांच वर्ष तक प्यार करे, दश वर्ष पर्यन्त ताडना करे / सोलहवा वर्ष आ जाने पर पुत्र के साथ मित्र का सा व्यवहार करे / 77 प्लेग आदि का उपद्रव होने पर, शत्रु का आक्रमण होने पर, भयङ्कर दुष्काल पड़ने पर, दुष्ट जन का संग होने पर, जो भाग जाता है, वह जीवित रहता है / 78 धर्म अर्थ काम और मोक्ष, इन चार पुरुषाशैं में से जिसके एक भी नहीं है, उसको मनुश्य जाति में जन्म लेने का फल केवल मरण है। 76 जहां मूों का मादर-सन्मान नहीं होता, जहां अन्न संचित रहता, जहां पति पत्नी में कलह नहीं होता, वहां लक्ष्मी भाप ही आ जाती है।

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