________________ (26) सेठियाजेनप्राधमाला दूसरे के हित साधन का अभ्यास करना चाहिए / यदि निरन्तर उद्योग करने की आदत हो जाय तो जीवन के सामने जो निराशा और उद्वेग रहा हुआ है, उसका भी सहज में निवारण कर सकेंगे। 18 सचेत हो कर आगे होने वाली घटना का पहले ही उपाय कर लेना,विजयशील दूरदर्शी जीवन का मुख्य लक्षण है। परन्तु जब विवेकसे काम नहीं लिया जाता,तब वह गुण ही दोष रूप हो जाता है / बहुत से लोग भावी संकटकी कल्पना करके मनको संतप्त करते रहते हैं। इतना ही नहीं, लेकिन जो संकट कभी आने वाला नहीं, उस को भी कल्पना द्वारा लाकर चित्त को व्यग्र और दुःखी बना लेते हैं; इस प्रकार दूरदर्शिता गुण का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। 66 स्वार्थबुद्धि को घटाना चाहिए / स्वार्थबुद्धि के घटने से रहन सहन नियमानुकूल होता है। निःस्वार्थी जीवन दुर्गुणों का नाश करता है, लालसाओं को दूर करता है, मन को दृढ़ करता है और हृदय को उन्नत बनाकर उस में उच्च विचारों का संचार करता है। 100 पात्र अपात्र का विचार किये विना दान करने से जन समाज को भारी नुकसान उठाना पड़ता है / संडों मुसंडों को अन्नादि का दान करने से वे आलसी और उद्यम हीन हो जाते हैं। इससे उनके स्वावलम्बन गुण का नाश होता हैं तथा बुरे