Book Title: Nandanvan Kalpataru 2006 00 SrNo 17
Author(s): Kirtitrai
Publisher: Jain Granth Prakashan Samiti
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कृति:
राजमयः
डॉ. रूपनारायणपाण्डेयः
विश्वज्योतिः ('जहाँ आरा') "महाभारते परशुरामस्य पितृभक्तिः डॉ. रूपनारायणपाण्डेयः
प्राकृतविभागः
अनुक्रमः)
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अहं विश्वम्भरा
क्रीतानन्दम्
मर्म - नर्म
श्रीवर्धमानजिनस्तुतिः ॥
कथा मन्दलाचरि
कर्ता
प्रा. अभिराजराजेन्द्रमिश्रः
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कीर्ति
आ. विजयशीलचन्द्रसूरिः
मुनिधर्मकीर्तिविजय: ७२
डॉ. आचार्यरामकिशोरमिश्रः
पृष्ठम्
६४
७०
८५
९४
९७
९८
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