Book Title: Nandanvan Kalpataru 2001 00 SrNo 05
Author(s): Kirtitrai
Publisher: Jain Granth Prakashan Samiti

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Page 12
________________ व कर्ता पृष्ठम् आस्या सञ्चं नु भयावं मुनिविमलकीर्तिविजयः ।। चिन्तनधारण - मुनिरत्नकीर्तिविजयः तीर्थकरणयामतिशयाः मुनिधर्मकीर्तिविजयः श्रमायो भगवान महावीर मुनिकल्याणकीर्तिविजयः सदधातु तुष्टिं मयि विस्ती पिणम् मुनिकल्याणकीर्तिविजयः धमायाभयमहावीरस्वामिनः माधवदुष्टान्ताः डॉ. मदनलाल वर्मा ६२ प्रसङ्गाः यहमचन्द्रसूार अहो ! अत्यद्भुतं भगवतो वीरस्य वात्सल्यम् ॥ प्रसिद्धा कथा (१) चन्दना अप्रसिद्धा घटना (२) जीर्णश्रेष्ठी किं श्रेष्टम् ? जीवनं मरणं या ? मुनिरत्नकीर्तिविजयः मुनिरत्नकीर्तिविजयः मुनिकल्याणकीर्तिविजयः ८४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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