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महापुराण पूजा-वन्दना । संस्लेखनासे मरण । (१३) महाबलका देवकुलमें उत्पन्न होना । अवधि
जानसे वह सारी बात जान लेता है। सन्धि २१
५८-८१ (१)कालतांग देवकी मालाका मुरमाना । उसको चिन्ता । (२) धर्मावरण । (३) पुष्कलावती उत्सलखेड नगरमें, राजा पछवाहके यहा, ललितांग, वम नामका पुत्र हुमा । (४) पुत्र दिन दुना रात चौगुना पड़ता है। देवी स्वयंप्रभाका विलाप । वह पुण्डरीमिणी । (५) नगरीका वर्णन । (६) श्रीमती नामको कन्या हुई । (७) ललितांगका स्मरण | वियोग । (८) उसने सब कुछ छोर दिया। पिताका सममाना । (२) पूर्वजन्मक वर ललिगको याव । पिताफा यशोपरके केवलज्ञान-समारोहम बाना । (१०) यशोघरका वर्णन । राजाको पूर्वभवको याद माती है। (११) पर पाकर अपनी कन्या को समझाता है और पूर्वभवका कथन करता है। (१२) शय पुत्रीका मर्म पूछती है । (१३) गघिल्ल पेशके भूतनामका वर्णन । मापदत्त वणिक् । उसके कई पत्र पुत्रियाँ थीं। अन्तिम कन्या निमिका । (१४) सिरपर ककड़ियोंका गट्ठा रखे हुए वह जन मुनिके दर्शनका योग पाती है। (१५) मुनिको नमस्कार किया । ( १६) मुनि पिहितात्रय द्वारा पूर्वभव कथन । {१७ ) जैनधर्मका उपदेश । (१८) उपवासका विधान । (१९) मुनिनिन्दाका फल। {२) निनामिका घर आती है। मरकर स्वर्गमें स्वर्यप्रभा नामकी
देवी पत्ला हो। सन्धि २३
८२-१०९ (१) पायका श्रीमतीका चित्रपट लेकर जाना। (२) चित्रपट देखकर विभिन्न राजमारोंको प्रतिक्रिया । ( ३-१५) पिताका विषययावासे लौटकर अपनी पुत्रीको बावासम देना और अपना पूर्वमव कथन । (१६) दार्शनिक विवेचन (१७-२१)
पूर्वभव स्मन । सन्धि २४
११०-१२५ {1) पिता श्रीमतीसे कहता है कि बाज उसका भावी ससुर बानेवाला है। पायका मागमन । (२-३) भावी परका वर्णन । ( ४-५ ) वरका विषपटको देखकर पूर्वभवका स्मरण । (1) बाप बोर वरको बातमोतका विवरण । (७) वरकी कामपीपाका वर्णन । (८) पिता बजवाहका पुत्रको सममाना । (९) बजाका पुणरीकिणी नगर पाना । पुत्रको देखकर नगर-बनिताओं की प्रतिक्रिया । { १० ) प्रतिक्रिया । ( ११ } राजा द्वारा बबाहुका स्वागत | बनगाह अपने पुत्र पजंषके लिए श्रीमती मांगता है ।
{१२) विवाह मण्यम । (१३) विवाह । (१४) दहेजका वर्णन | सन्धि २५
१२६-१५१ (१) रतिक्रीडाका वर्णन। (२) बच्चबाह और बजषका प्रस्थान | (२) वरवष्का मिवास । पशडका दीक्षा ग्रहण करना । (४)वजयको विरकि होना । बह कमलमें मृत भ्रमर देखता है । (५) राषाका विरक्ति बिम्वन । (१) पुत्र अमिततेजको राबराट सौपनेका प्रस्ताव । (0) पुत्रकी अस्वीकदि। (८) सनोका परिताप । (१)रामी