Book Title: Kulingivadanodgar Mimansa Part 01
Author(s): Sagaranandvijay
Publisher: K R Oswal

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Page 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ४ ) Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ताजा कलम - शास्त्रार्थसभा में वादि प्रतिवादि मयसाधु समुदाय र मध्यस्थ एक जैनेतर गृहस्थ के अलावा दूसरा कोई भी नहीं ने पावेगा और न वादि प्रतिवादि के सिवाय कोई बोलने पावेगा । इत्यादि बातों का सरकारी पूरा प्रबंध हमारे तरफ से रहेगा और उसका सभी खर्चा हार जानेवाले के जिम्मे रहेगा । इसी प्रकार शास्त्रार्थ करते समय वादि प्रतिवादि को सभ्यता से बोलने के लिये बाधित होना पड़ेगा । इस शास्त्रार्थ के लिये सागरानन्दसूरिजी के सिवाय किसी को बाहर नहीं आना चाहिये और आवेगा तो माना नहीं जायगा | 5000 For Private And Personal Use Only

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