Book Title: Kulak Sangraha
Author(s): Balabhai Kakalbhai
Publisher: Balabhai Kakalbhai

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Page 7
________________ * A N SKRRIAGESRRIORRECE | चतुर्विशति जिन स्तुति देशना संग्रह नामे पुस्तक शास्त्री लीपियां प्रतना आकारे बहार पडयं के जेनी अंदर त्रिशष्टि शलाका पुरुष चरित्रमाथी चोवीसे तिर्थकर भगवाननी जन्म बखते अने केवळझान बखते इंद्रमहाराजे करेलो स्तुतिओनो तथा तेमनी केवळशान थया वाद पेहेली देशनाभोनो समावेश थाय छे. वळी तेमां आवेळा अघरा श. दोना अर्थ पण दाखल कर्या छे, जे वांचीने समनता सरळता पडे. किंमत रु. ०-१२-० जैन बोल संग्रह भाग १ लो नामे पुस्तक गुजराती लीपिमा नानाकदा बहार पडयुं छे. तेया मार्गाः नुसारीना ३५ बोल, भवाभिनंदी जीवोना लक्षण, मिथ्यात्वना बोल, समकितना ६७ पोल, श्रावकना २१ गुण, भाववावकना लक्षण, पत्रिीस चोळनो थोकडो, पांच महाव्रतनी २५ भावना, भाव साधुना ७ लिंग, चरण सित्तरी करण सित्तरीना बोल, साधने गोपरोना ४२दोष, ५मांडलिक दोष, जीवने स्वरुपर्नु ध्यान, जीवना ५६३ अने अनीवना ५६० भेद, अरिहंत भगवानना ३४ अतिशय, ३५ वाणी गुण, पंचपरमेष्ठीना १०८ गुण, पाकीना ४ पदना गुण, चार ध्यान, तथा परचुरण बोलनो विस्तार, साधु साध्वीने खपना बोल विगेरेनो समावेश ययेलो छे. ते श्रावकभाइयो तथा घेनोने भणवा प्रती उपयोगी छे. जेमने जोइए तेमणे ते नीचेने सरनामेथी मंगावी छेवू. किंमत रु. ०-२ जैन बोस संग्रह भा. २ जो:--जेमा जिवविचार, नवतत्त्व, दंडक, आठ कर्मनी १५८ प्रकृति, देववं. दनादि प्रण भाष्य विगेरेन। बोलनो संग्रह करेलो के. जैनशालाभोमा अने सभागोमा भणनारांभोने खास करीने शीखवा योग्य छे. किंमत रु. ०-४-० रस्नाकर पच्चीसी, आत्मनिंदा अष्टक तथा आत्मगस्तित्र [ छुटा शन्दोना अर्थ, गाथा, शब्दार्थ साधे शास्त्री टाइपयी छापेली छ.] किंमतक..-२-- HIGROSASSIIHIHIRISH

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