Book Title: Kulak Sangraha
Author(s): Balabhai Kakalbhai
Publisher: Balabhai Kakalbhai
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१
एगावि अ धम्मजूआ, जइ ता लाहो इमो होइ॥
. अर्थः-एक वर्षनी घडियो पकवीस लाख अने साठहजार थाय, तेमाथी एक घडी पण जो जीव धर्म युक्त होष तो तेने भागली गाथामा कदेशे लेटलो लाभ थाय के.॥ ८ ॥ छायालकोडी गुणती-स लख्ख छासड्डी सहस्स सयनवर्ग; | ते सटीकिंचूणा, सुराउ बंधोइ इगघडिए ॥९॥ | अर्थः-एक घडी धर्म करनार जीव छेतालीस क्रेड, ओगणबीस लाख, छासठ हजार, नवसो अने काइक ओछा | एरा सठ एटला पल्योपमनुं आयुष्य बांधे. ॥ ९॥ ..
सही अहोरत्तेणं, घडीआओ जस्स जंति पुरिसस्स; । नियमेणवि रहीआओ, सो दिअहओ निष्फलो तस्स।१०॥
अर्थः एक दिवसनी साठना प्रमाणे जे पुरुषनी घडीओ जाय छे तेमा दृत नियमथी पण रहित नाय ते दिवस तेनो निष्फल जाणवो. ॥ १० ॥ | चत्तारीअ कोडिसया, कोडीओ सत्तलख्ख अडयाला; ६ चालीसं च सहस्सा, वाससय हुंति ऊसासा ॥११॥

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