Book Title: Karmaprakrutigatmaupashamanakaranam
Author(s): Shivsharmsuri, Gunratnasuri
Publisher: Bharatiya Prachyatattva Prakashan Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 77
________________ [ ३५ www.jainelibrary.org यथाप्रतृतकरणस्य चरमस्रव्येय भागः (त्तरमकडकमा एसम्या ८समय यथाप्रवृत्तकरणस्य द्वितीयसंरव्येमभाग तीबडकम यथा प्रवृत्त करणम् समयः (द्वितीयकडकम द्वितीयसंख्येय भाग यथाप्रवत्तकरणस्य ६समयः चरमसममः ज २८३८ ३४३० उ. १२स. तृलीयसमय: ज २५४१ . " ३६५४ उ११समक्षा द्वितीयसमय न २३०५ ३३८० १ ०समय असमसमयः ज २०४१ ३१०८ उ चतुर्थसमय: ज तृतीयसमय: ज. १८ द्वितीयसमयः ज. १२६११ २३०४ उ प्रथमसमयः ज. १०० २०४० ५समय ज. १ ८ ऊ चतुर्थसमय ज. ४e a r e ऊ तृतीतम्भमय समयः है. ज. re , २२६० 3 डिलीय समयः २समयः ज. . . . . . . ३००४ उ. प्रथमतमशः समयः ....... तियेस्थापित रेभिबिन्दुभिरध्यवसायस्थानानि सुनितानि, तानि च परमार्थतोऽसंख्येयलोकाकाशप्रदेश राशिमात्राणि, पूर्वपूर्वसमयतश्चोत्तरोत्तरसमये विशेषाधिकानि । स्थाप्यमानानि च विषमचतुरस्र क्षेत्रमास्तृणन्ति । ज०-तत्तत्समये प्रथमबिन्दुना यदध्यवसायस्थानं सूचितं, तस्य या विशोधिः, सा जघन्या । ड0-तत्तत्समयेऽन्तिमबिन्दुना यदध्यवसायस्थान सुचितं, तस्य या विशोधिः, सोत्कृष्टा। शेषबिन्दुभिः सुचिताऽध्यवसायस्थानानां या विशोधिः सा मध्यमा, सा च मिथः षट्स्थानपतिता। असत्कल्पनया यथाप्रवृत्तकरणस्य १२ समयाः कल्पिताः, तत्सरव्येयभागश्व चतुस्समयमात्रः । → एतच्चिह्नमनन्तगुणतां सूचयति। For Private & Personal Use Only ४समयः यथाप्रवृत्तकरणस्य प्रथमभामः (प्रथमकंडकम्) (प्रथमकडकम् प्रथमसंख्येय मानः टयथाप्रकृतकपास्य Jain Education International

Loading...

Page Navigation
1 ... 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332