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कर्मप्रति
४. उससे भी अपर्याप्तक बादर का जघन्य स्थितिबंध विशेषाधिक है। ५. उससे भी अपर्याप्त सूक्ष्म का जघन्य स्थितिबंध विशेषाधिक है। ६. उससे भी उसी का (अपर्याप्त सूक्ष्म का) उत्कृष्ट स्थितिबंध विशेषाधिक है। ७. उससे भी अपर्याप्त बादर का उत्कृष्ट स्थितिबंध विशेषाधिक है। ८. उससे भी सूक्ष्म पर्याप्त का उत्कृष्ट स्थितिबंध विशेषाधिक है। ९. उससे भी वादर पर्याप्त का उत्कृष्ट स्थितिबंध विशेषाधिक है। १०. उससे भी द्वीन्द्रिय पर्याप्त का जघन्य स्थितिबंध संख्यात गुणा है। ११. उससे उसी के (द्वीन्द्रिय के) अपर्याप्त का जघन्य स्थितिबंध विशेषाधिक है। १२. उससे भी उसी द्वीन्द्रिय अपर्याप्त का उत्कृष्ट स्थितिबंध विशेषाधिक है। १३. उससे भी द्वीन्द्रिय पर्याप्त का उत्कृष्ट स्थितिबंध विशेषाधिक है। १४. उससे भी वीन्द्रिय पर्याप्त का जघन्य स्थितिबंध संख्यात गुणा है । १५. उससे भी उसी त्रीन्द्रिय अपर्याप्त का जघन्य स्थितिबंध विशेषाधिक है। १६. उससे भी तीन्द्रिय अपर्याप्त का उत्कृष्ट स्थितिबंध विशेषाधिक है। १७. उससे भी त्रीन्द्रिय पर्याप्त का उत्कृष्ट स्थितिबंध विशेषाधिक है। १८. उससे चतुरिन्द्रिय पर्याप्त का जघन्य स्थितिबंध संख्यात गुणा है। १९. उससे भी अपर्याप्त चतुरिन्द्रिय का जघन्य स्थितिबंध विशेषाधिक है। २०. उससे भी अपर्याप्त चतुरिन्द्रिय का उत्कृष्ट स्थितिबंध विशेषाधिक है। २१. उससे भी पर्याप्त चतुरिन्द्रिय का उत्कृष्ट स्थितिबंध विशेषाधिक है। २२. उससे असंज्ञी पंचेन्द्रिय पर्याप्त का जघन्य स्थितिबंध संख्यात गुणा है। २३. उससे भी असंज्ञी पंचेन्द्रिय अपर्याप्त का जघन्य स्थितिबंध विशेषाधिक है । २४. उससे भी असंज्ञी पंचेन्द्रिय अपर्याप्त का उत्कृष्ट स्थितिबंध विशेषाधिक है। २५. उससे भी असंज्ञी पंचेन्द्रिय पर्याप्त का उत्कृष्ट स्थितिबंध विशेषाधिक है। २६. उससे संयत का उत्कृष्ट स्थितिबंध संख्यात गुणा है। 'विरए' इत्यादि विरत अर्थात् संयत म
जघन्य और उत्कृष्ट स्थितिबंध कह ही दिया है। उससे (संयत के उत्कृष्ट स्थितिबंध से देशयतिद्विक अर्थात् देशविरत के जघन्य और उत्कृष्ट स्थितिबंध तथा सम्यक्त्वचतुष्क अर्थात् अविरत सम्यग्दृष्टि के पर्याप्त और अपर्याप्त और प्रत्येक के जघन्य और उत्कृष्ट स्थितिबंध करने
वालों का स्थितिबंध यथाक्रम संख्यात गुणा कहना चाहिये। जिसका स्पष्टीकरण इस प्रकार है२७. संयत के उत्कृष्ट स्थितिबंध से देशविरत का जघन्य स्थितिबंध संख्यात गुणा होता है। २८. उससे देशविरत का ही उत्कृष्ट स्थितिबंध संख्यात गुणा है। ..