Book Title: Karm Prakruti Part 01
Author(s): Shivsharmsuri, Acharya Nanesh, Devkumar Jain
Publisher: Ganesh Smruti Granthmala

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Page 356
________________ परिशिष्ट ध्रुवबंधिनी प्रकृति / प्रकृतियां ध्रुवबंधिनी नामनवकप्रकृतियां ध्रुवशून्यवर्गणा ध्रुवसत्ताकत्व ध्रुवसत्ताका प्रकृति / प्रकृतियां ध्रुवाचित्तवर्गणा ध्रुवोदयत्व ध्रुवोदया प्रकृति / प्रकृतियां नरकगति / नामकर्म नरकगत्यानुपूर्वी / नामकर्म नरकद्विक नरकत्रिक नरकानुपूर्वी/नामकर्म नरकायु नपुंसकवेद नाना जीव- कालप्रमाणप्ररूपणा नामकर्म नामकर्मवर्ग नामनवक नामप्रत्ययस्पर्धक / प्ररूपणा निकाचना / करण निकाचित निद्रा निद्रा-निद्रा निद्रापंचक निधत्ति / करण निर्धो तसर्वकर्ममल निरंतरबंधिनी प्रकृति / प्रकृतियां निरंतरस्थानप्ररूपणा निर्माणनामकर्म निवर्तनकंडक निसर्ग निषेक निषेकरचना निषेकप्ररूपणा निषेकस्थान नीचगोत्र / कर्म नीलवर्ण/नामकर्म कषायमोहन नोकषाय-मोहनीयवर्ग न्यग्रोधपरिमंडलसंस्थान / नामकर्म परमाणुवर्गणा पराक्रम पघात / नामकर्म परावर्तमानत्व परावर्तमान जघन्य अनुभागबंधप्रायोग्य परावर्तमान प्रकृति / प्रकृतियां परिस्पन्दन परंपरोपनिधाप्ररूपणा पिण्डप्रकृति / प्रकृतियां पीतवर्ण/ नामकर्म पीलू पुद्गलविपाकित्व पुद् गलविपाकिनी प्रकृति / प्रकृतियां पुद्गलस्कन्ध पुरुषवेद पूजातिशय पूर्व पूर्वगृहीत पृथक्त्व पृथ्वीकायिक जीव पंचसामयिक पंचेन्द्रिय जाति / नामकर्म पर्यवसानप्ररूपणा पर्याप्तनामकर्म पर्याप्तक पर्याप्तप्रायोग्य पर्याप्त सूक्ष्मनिगोदिया जीव पर्याप्ति पल्य पल्योपम पश्चानुपूर्वीक्रम प्रगणनाप्ररूपणा प्रचला प्रचलाप्रचला प्रकृति / बंध प्रकृतिसमुदाय प्रकृतिसमुदाहारप्ररूपणा ३०३

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