Book Title: Karm Prakruti Part 01
Author(s): Shivsharmsuri, Acharya Nanesh, Devkumar Jain
Publisher: Ganesh Smruti Granthmala
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परिसिष्ट
३०१
कषाय/मोहनीय कषायरस/नामकर्म कषायोदयस्थान कार्मण-कार्मणबंधन नामकर्म कार्मणवर्गणा कार्मणशरीर नामकर्म कार्यद्रव्याभ्यास कीलिकासंहनन नामकर्म कुब्जसंस्थान नामकर्म कृतयुग्म कृष्णवर्ण/नामकर्म केवलदर्शन केवलदर्शनावरण केवलद्विक केवलज्ञान केवलज्ञानावरण केवलिक केवली कोडाकोडी
उष्णस्पर्श नामकर्म ऋषभनाराचसंहनन नामकर्म एकस्थानक एकान्तरितमार्गणा एकान्तसाकारोपयोगयोग्य एकेन्द्रियजाति/नामकर्म एकेन्द्रियप्रायोग्य ओजोयुग्मप्ररूपणा औदयिकभाव औदारिक-औदारिकबंधन नामकर्म औदारिक-कार्मणबंधन नामकर्म औदारिक-अंगोपांगनामकर्म औदारिकचतुष्क औदारिक-तैजसबंधन नामकर्म औदारिक-तैजसकार्मणबंधन नामकर्म औदारिकद्विक औदारिकवर्गणा औदारिकशरीर/नामकर्म औदारिकशरीरप्रायोग्य औदारिकसप्तक औपपातिक अंगोपांग नामकर्म अंगोपांगत्रिक अंजलिप्रग्रह अन्तरप्ररूपणा अंतरस्थान प्ररूपणा अंतरायकर्म अंतरायपंचक अंतरायप्रकृतिवर्ग कटुरस नामकर्म कपित्थ करणाष्टक कर्कशस्पर्श नामकर्म कर्मदलिक कर्मदलिकनिषेक कर्मप्रायोग्य कर्मरूपतावस्थानलक्षणास्थिति कर्ष (मापविशेष) कल्योज
कंडक
कंडकप्ररूपणा कंडकवर्ग कंडकस्थान क्रमव्यवच्छिद्यमानबंधोदय प्रकृति प्रकृतियां ख्याति गति नामकर्म गतिचतुष्क गलवृन्द गुणनिष्पन्न गुणपरमाणु गुणप्रत्यय गुणहानि स्थान गुरुस्पर्श नामकर्म गृह्यमाण गोत्र कर्म गोत्रद्विक गंध नामकर्म ग्रहणवर्गणा ग्रहणप्रायोग्यवर्गणाः

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