Book Title: Karm Prakruti Part 01
Author(s): Shivsharmsuri, Acharya Nanesh, Devkumar Jain
Publisher: Ganesh Smruti Granthmala

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Page 337
________________ कर्मप्रकृति उत्कृष्ट अनुभाग अनन्तगुण उससे उत्कृष्ट अनुभाग अनन्तगुण उससे -१७ जघन्य अनुभाग अनन्तगुण उससे प्रायोग्य जघन्य अनु. बंध २८४ सागरोपम शतपृथक्त्वप्रमाण (परावर्तमान जघ. अनु. बंधप्रायोग्य) निवर्तन कंडक का कंडक का असं. भाग . . अवशिष्ट भाग

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