Book Title: Karm Prakruti Part 01
Author(s): Shivsharmsuri, Acharya Nanesh, Devkumar Jain
Publisher: Ganesh Smruti Granthmala

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Page 316
________________ २६३ ७. ग्यारहवें (११वें) स्थितिस्थान में 'तदेकदेश तथा अन्य अर्थात् दसवें स्थितिस्थान के अनु स्थानों में से आदि के सिवाय शेष और अन्य नवीन मिलकर कुल ८ (आठ) अनुभाग स्थान हैं। परिशिष्ट ८. बारहवें (१२) स्थितिस्थान में ग्यारहवें स्थितिस्थान में से 'तवेवेश' रूप छह (६) 'अन्य' रूप दो 44 त्रिकोण मिलकर कुल आठ (८) अनु. स्थान हैं। यहां नौवें (९वें) स्थितिस्थान के १० अनु. स्थानों में का एक स्थान है, परन्तु तेरहवें (१३वें) स्थितिस्थान में उनका एक भी अनु. स्थान नहीं है। यहां नौवें स्थितिस्थान से प्रारम्भ हुई अनुकृष्टि समाप्त हो जाती है । इसी तरह आगे के स्थानों के लिये भी समझना चाहिये । ९. छिपालीस (४६ ) अपसवर्तमान शुभ प्रकृतियों की अनुकृष्टिप्ररूपण भी इसी रीति से जानना चाहिए। लेकिन इतना विशेष है कि उत्कृष्ट स्थितिस्थान से प्रारम्भ करके अनुकूष्टिअयोग्य जघन्य स्थितिस्थानों को छोड़कर शेष जघन्य स्थितिस्थान तक समाप्त करना चाहिये । अपरावर्तमान ५५ अशुभ प्रकृतियों की अनुकृष्टि का प्रारूप (आवरणद्विक १४, मोहनीय २६, अन्तराय ५, अशुभवर्णादि ९, उपघात १५५ ) स्थिति स्थान अनुकृष्टि अयोग्य अभव्य प्रायोग्य जघन्य स्थिति 'तदेक देश और अन्य ' इस प्रकार के अनुक्रम पल्यो अस. से अनुकृष्टि विधान 자 जघन्यस्थितिस्थान बंधाध्यवसाय स्थान अनु O ० ० ० १३ ९४ १५ १६ १८ ( अनुकृष्टि समाप्त ) १८ १९ २० ०० ० . उत्कृष्ट स्थिति स्थान अनुकृष्टि प्रारमा स्पष्टीकरण गाथा ५७,५८ के अनुसार १. अपरावर्तमान अशुभ प्रकृतियों की अभव्यप्रायोग्य जघन्य स्थितिबंध के पश्चात की स्थितिवृद्धि से अनुकृष्टि प्रारम्भ करना चाहिये । २ अभव्यायोग्य जघन्यस्थिति को १ से ८ तक के अंकों द्वारा बताया है। ३. अतः उनसे आगे ९ के अंक से प्रारम्भ करके २० तक के १२ स्थितिस्थानों में अनुकृष्टि का विचार करना चाहिये तथा ये प्रत्येक अंक एक-एक स्थितिस्थान का प्रतिनिधित्व करते हैं । ४. जघन्य स्थितिबंधवृद्धि का प्रमाण पल्य का असंख्यातवां भाग है, जिसे यहां ९ से १२ तक के ४ अंकों द्वारा दिखाया गया है। इसके प्रारम्भ में जो अनु. स्थान हैं उनका एक असंख्यातवां भाग छोड़कर शेष सब अनु. स्थान और अन्य द्वितीय स्थितिस्थान में, जिसे ३ बिन्दु रूप असंख्यातवां भाग छोड़कर शेष भाग को देते हुए अन्य

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