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श्रु०२, अ०१० उ०३ सू०१८ ३१
आचारांग-सूची भाग और चतुर्थ भाग दिये जाने वाले कुलों में प्रवेश
निषेध
सूत्र संख्या है
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द्वितीय उद्देशक पर्वदिन या विशेष प्रसंग में जहाँ नियत परिमाण में श्रमणादि को आहार दिया जाता हो, वहाँ से भिक्षु अथवा भिक्षुणी को आहार लेने का निषेध पुरुषान्तरकृत आदि होनेपर लेने का विधान उनकुल आदि कुलों से शुद्ध आहार लेने का विधान सामुहिक भोज, मृतक-भोज, उत्सव-भोजादि में जहाँ नियत परिमाण में श्रमणादि को आहार दिया जाता हो वहाँ से भिक्षु अथवा भिक्षुणी को आहार लेने का निषेध पुरुषान्तरकृत आदि होनेपर लेने का विधान संखडि (जीमनवार) में जाने का निषेध आधाकर्म, औद्देशिक, मिश्रित, क्रीत, उधार लाया हुआ आहार लेने का निषेध
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सूत्र संख्या ४
तृतीय उद्देशक रोगोत्पत्ति की संभावना से संखडि भोजन लेने का निषेध स्थानाभाव आदि अनेक दोषों की संभावना से संखडि में जाने का निषेध संखडि के समय अन्य कुलों में भी जाने का निषेध पश्चात् अन्य कुलों से शुद्ध आहार लेने का विधान संखडि के निमित्त किसी ग्राम आदि में जाने का निषेध संदिग्ध आहार लेने का निषेध
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