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सामायिक
जो समो सव्वभूदेसु, थावरेसु तसेसु वा।
तस्स सामाइगं ठाई, इदि केवलिसासणे । 126 । -जो स्थावर और त्रस (अर्थात् छोटे तथा बड़े) सब जीवों के प्रति समता-भाव रखता है, उसके सामायिक स्थायी होता है, ऐसा केवली के शासन में कहा है ।
जस्स रागो दु दोसो दु, विडि रण जणेदि दु ।
तस्स सामाइगं ठाई, इदि केवलिसासणे । 128 । -जिसके राग और द्वेषरूप विकार उत्पन्न नहीं होता उसके सामायिक स्थायी होता है, ऐसा केवली के शासन में कहा है ।
नियमसार