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६. ज्ञाताधर्मकथा
संख्येय हजार पद
संख्येय हजार पद
पांच लाख छिहत्तर हजार पद अथवा समवायांग की वृत्ति के अनुसार ही सूत्रालापकरूप संख्येय हजार पद सब समझना चाहिए । विशेषतया
उपसर्गपद, निपातपद, नामिकपद, आख्यातपद एवं मिश्रपद की अपेक्षा से पांच लाख छिहत्तर हजार पद
समझने चाहिए । ग्यारह लाख बावन हजार पद ग्यारह लाख बावन हजार पद अथवा
सूत्रालापकरूप संख्येय हजार पद तेईस लाख चार हजार पद संख्येय हजार पद अर्थात तेईस
लाख चार हजार पद छियालीस लाख आठ हजार पद छियालीस लाख आठ हजार पद
७. उपासकदशा
संख्येय लाख पद
संख्येय हजार पद
८. अंतकृद्दशा
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संख्येय हजार पद
संख्येय हजार पद
संख्येय हजार पद
९. अनुत्तरौप- संख्यय लाख पद है पातिकदशा १०. प्रश्नव्याकरण संख्येय लाख पद ११. विपाकसूत्र संख्येय लाख पद
संख्येय हजार पद संख्येय हजार पद
बानबे लाख सोलह हजार पद एक करोड़ चौरासी लाख बत्तीस हजार पद
बानबे लाख सोलह हजार पद एक करोड़ चौरासी लाख बत्तीस हजार पद
जैन साहित्य का बृहद् इतिहास
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