Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 1
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 311
________________ २९४ जैन साहित्य का बृहद् इतिहास शब्द २७१ १९७ १५९ पृष्ठ शब्द आरिय १४९ आस्तिक्य मारियायण आस्फालनसुख १७३ आरोप १८२ आस्रव १५३, १७२, १७४, २७०, आरोप्य १८२ आई २०७ आहत्तहिय आर्द्रकीय १८१, २००, २०७ आहार १०८,१५८, २४७ आद्रकुमार १८१, २०७ आहारपरिज्ञा २००, २०४ आर्द्रपुर २०७ आहारकपरिणाम १७३ आर्य १४९ आर्यवेद १५१ इंद्र १०८, १५५, २२६, २७५ आर्या १२५ इंद्रभूति २०९, २१५, २२६, २४०, आर्षप्राकृत १०५ २७५ आहतमत २०८ इंद्रमह . मालंकारिक सभा इंद्रस्थान २६५ आलुअ २३४ इंद्रिय २४७. आलुक २३४ इंद्रियोपचय २४६ आलू २३४ इक्ष्वाकु ११३ आवंति ११७, ११९ इक्ष्वाकुकुल १५९, २४७ यावश्यक ५९, २१७, २८४ इमली २४४ आवश्यकचूणि १२८, २४१, २५४ इसिगुत्त आवश्यक-नियुक्ति ६४, २८५ आवश्यकवृति ६४,६७, १७३ ईर्या आवश्यकव्यतिरिक्त २१७ ईर्यापथ आवश्यकसूत्र २८३ ईपिथिकी २४५ आशीर्वाद १९८ ईर्याशुद्धि ११२ आशुप्रज्ञ १४९, १९१ ईय॑षणा १२२, १२३ आश्रम १६० ईशाधष्टोत्तरशतोपनिषद् १४३ आषाढ २१५, २४६ ईशानेन्द्र आसक्ति २७२ ईश्वर १८३ आसास ११६ ईश्वरकारणवादी २०१ आसिलदेवल १८७ ईश्वरकृत २७१ आसुपन्न १४९ ईश्वरवादी २०० २१५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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