Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 1
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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२९८
२६१ २७२ १४५ २२९ १९५ २५७ १७५
१५९
२१४
२५२ २१४
शब्द किंकम किन्नरी किरियावाई कित्विषिक कीलकमार्ग कुंडकोलिक कुंडकोलिय कुंडलि कुंडिका कुंडिल कुंदकंद कुंभघर कुंवरजीभाई आनंदजी कुक्कुटक कुक्कुरक कुक्षिशूल कुणाल कुत्तियावण कुबेर कुमारपुत्तिय कुमारपुत्र कुमारश्रमण कुमारसंभव कुराजा
८७ २४९
१४४
२८७ १३५ १३५ २७६ २२३ २५१ २७५ २०९ २०९ २६३ २६८ १६०
जैन साहित्य का बृहद् इतिहास शब्द
पृष्ठ कुष्ट
२४४, २७६ कूटग्राह
२७७. कूप
२७५. कूपमह
२५१ कूलधमग
२३७ कृतयुग
२४४ कृतयुग्म
२४४, २४८. कृष्ण ७६, ७७, १८६, १९१, २५३,
२५५, २६२, २६३ कृष्णमृग
१६५ कृष्णलेश्या
२४८ केनोपनिषद् केवलज्ञान ६४, १६९, २१७ केवलदर्शन
१६९ केवली १४९, १५६, २३४, २४३ केशलोच १८६, २३२ केशव
१८६ केशिकुमार
२३४ केशी-गौतमीय केशरी कोकालिय कोजव
१६५ कोट्टागकुल कोठ
२४४ कोडितगण
२१४ कोणिक
२४३ कोत्तिय
२३७ कोमलप्रश्न
२६९ कोल्लाक
२४० कोशल
१३२, २२३ कोसंबी
११६
२५२ १९०
२२३
कुल कुलत्थ
कुलधर्म
कुलस्थविर कुशल कुशील कुशीलपरिभाषा
२४७ २५३ १९३
२२० १५४, १९१ १९२, २०८, २४७
१७३
२६४
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