Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 1
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 325
________________ ३०८ शब्द नौका नौकारोहण पआराइआ पसी पंचमहाव्रत पंचभूतवादी पंचयाम पंचस्कंधवादी पंडिअ पंडित पंडितवीर्य पंडुरग पंथक पकारादिका पक्षिमार्ग पट्टण पट्टमार्ग पट्टावली डिग्गह पण्हावागरण पहा वागराणा इं पत्र पद पदार्थधर्म पद्मप्रभ पद्मावती पन्नवणा पयन्ना परक्रिया परदा परमचक्खु Jain Education International प पृष्ठ २५३ १६३ २२१ २३४ २५२ २०१ ७९, ११३ २७० १४९ जैन साहित्य का बृहद इतिहास पृष्ठ शब्द परमचक्षुष् परमत परमाणु परमाणुपुद्गल परलोक परलोकाभाववादी परसमय पराक्रम परिकर्म परिकुंचन १४९ परिग्रह १९३ २५४ २५२ २२० १९५ १६० १९४ १३० २३५ २६९ ९२, ९४ १६२, २२४ १०२ १९३ २४६ २६४, २७२, २७८ २२६ २८४ १२२, १२३, १६६ २५० १४९ For Private & Personal Use Only परिणाम परिमाण परिव्राजक परिव्राजिका परिशिष्ट पर्व परिस्रव परीषह पर्यव पर्यायस्थविर पर्वत पर्वबीज १०८, १८३, १९४, १९७, २७१, २७२, २८१ पलिउंचण पल्लतेतिय पवित्रक पश्चिम दिशा पश्यक पसे ई पहाराइआ पांचाल १४९ १०९, १३८, १७२ २४६ २४५, २४६ १०७, १४० १९६ १७२ १९२ ८८, ९० १९३ २४७ २४७ १०८, १६०, २३० १६०, २५३ १२४, १२८ १५३ १२० २४७ २२० २७५ ०४ १९३ २६१ २५२ १८५ १४९ २६२ २२१ २२३ www.jainelibrary.org

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