Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 1
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 339
________________ १२२ जैन साहित्य का बृहद् इतिहास १८१ २०९ पृष्ठ शहद १६१ शाकटायन २४६ शाक्य १४१, १८८ शाक्यपुत्र बुद्ध ७० शाखाञ्जनी २७७ शाखामार्ग १९५ शाण शाणक २१८ शान २४० शान्तिपर्व १३८ शान्तियज्ञ २७८ २६२ शालाक्य २७९ शालिभद्र २६७ शास्त्रलेखन शिक्षासमुच्चय १८०, २५६ शिल्प १३३ शिव १०८, २३६, २७५ शिवभद्र २३६ शिवराजर्षि २३६ शिशुपाल १८६ शिष्य १९७ शीतलेश्या २४० शीतोष्णीय ११७, ११८, १२४ शीलांक १०२, १०५, १२०, १२४, १२५, १२६, १७७ शीलांकदेव शीलांकसूरि १४६ शीलांकाचार्य २५२ शुक्ललेश्या २४८ २६७ शब्द शुकिंग १०५, १२४, १४५ शूकर १८१ शूकरमदव १८१ शूकरमांसभक्षण १३३, १३४, २७८ शूरसेन २२३ शृंखला १९८ शेषद्रव्या शेषवती शेक्ष १९७ शेलक २५२ शैलेशी २४३ शैलोदायी २४४ शेव १८८ शैवालभक्षी २३७ शोक २४१ शौच १३५, १३८, २५२ शौचधर्म ११४, २५२ शौरसेनी शौरिक शौर्य २८१ श्यामा २७९, २८० श्यामाक १६८ श्रमण १५९, १६७, १९९, २४७, २५५, २५६ श्रमणचर्या श्रमणधर्म १८४, १९३ श्रमण भगवान् महावीर श्रमणसंघ ८७, १२८ श्रमणसूत्र १७२ श्रमणी श्रमणोपासक २७९ २४० ७२ २५६ सुद्धदंत २५९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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