Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 1
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 313
________________ २९६ जैन साहित्य का बृहद इतिहास मो शब्द उल्लुयतीर उवहाणसुभ उवहाणसुय उवासगदसा उवासगदसाओ उस्सयण पृष्ठ शब्द २४१ ओरायन ११७ १२१ औद्देशिक ९४ औपपातिक औषधालय १९४ कंटकबहुल १८२ ८२, ८३, १९२ २५४ ९२ १६२ २७६ ऊंचाई २४७ कंडू कंद १५० ऋग्वेद १०६, १०८, १३३, १५१, २५२, २७८ ऋजुमति ऋषभदेव १३०, १३४, २३४ ऋषिदास २६७ ऋषिभाषित ६८, १८७, २६९ । २०८ ११३, ११४, १५४ १९६ ७२ १७४ एकदण्डी एकवस्त्रधारी एकवादी एकात्मवादी एकादशांग एकेन्द्रिय एक्काई एलावच्च एसिअकुल १५२, १६२, २३४ कंदाहारी २३४, २३७ कंप २४३ कंपिल्ल २६२ कंबल १५४,१६५ कटासन कठोपनिषद् १४४ कन्या २५५ कपट १९३ कपिल ७१, ७५, ७७, १६९, २२९ कपिलदर्शन कपिलवचन ७३ कप्पमाणवपुच्छासुत्त कबीर १३१ कमण्डल २३६, २५२ कम्मारग्राम कन्मावाई करण २४६ करपात्री ११५ करिसुशतक २४८ करुणा करोटिका कर्णवेदना २७६ कर्णिकार २४० १४७ २४८ २७६ २१४ १६८ १४५ ऐडन ऐरावती २०७ २२२ २५२ ओघ ओजआहार ओझाजी २४७ २०४ ५९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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