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त्वं मे माता पिता नेता, देवो धर्मो गुरुः परः । प्राणः स्वर्गोऽपवर्गव, सत्त्वं तत्त्वं गतिर्मतिः ॥
प्रियतम ! प्रभो !! नवकार !!!
मेरे मन तो तू मात, तात, नाथ, देव, गुरु, धर्म, सर्वस्व, प्राण, स्वर्ग, मोक्ष, सत्त्व, तत्त्व, शरण और मति हो। ती
अथवा तो
जगत में जो भी सुन्दर है वह तुम ही तुम हो !!
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