Book Title: Haribhadra ke Prakrit Katha Sahitya ka Aalochanatmak Parishilan
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Research Institute of Prakrit Jainology & Ahimsa Mujjaffarpur
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शरीर - वैज्ञानिक कथानक रूढियां
सामाजिक परम्परा, रीति-रिवाजों और परिस्थितियों की
द्योतक रूढियां | आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक
भाषा, शैली और उद्देश्य
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सप्तम प्रकरण ।
शैली के उपादान तत्त्व और गुण प्रसंगानुकूल भाषा का प्रयोग
अभिधा, लक्षणा और व्यंजना का प्रयोग
सूक्तियां
सूक्तिवाक्यों का महत्व देशी शब्दों की तालिका
छन्द विचार
उद्देश्य की परिभाषा
हरिभद्र की प्राकृत कथाओं के उद्देश्य का विश्लेषण उद्देश्य का वर्गीकरण
अष्टम प्रकरण ।
हरिभद्र की प्राकृत कथाओं का काव्यशास्त्रीय विश्लेषण कलापक्ष का विवेचन
अलंकार योजना
शब्दालंकार--स्वरूप और उदाहरण
अर्थालंकार -- विश्लेषण
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बिम्ब विधान
बिम्बों का वर्गीकरण और विश्लेषण रूप विचार
भाव पक्ष -- विश्लेषण
रसानुभूति और रस परिपाक
व्यंग्य की स्थिति
समाज शास्त्रीय तत्त्व
हरिभद्र की समाज - रचना के सिद्धान्त
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